श्रीनगर ब्लास्टः डीजीपी ने बताया कैसे हुआ धमाका! आतंकी पहलू से इनकार, ये रही वजह
नई दिल्ली। नौगाम पुलिस स्टेशन में शनिवार को हुए विस्फोट के मामले में जम्मू और कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात ने आतंकी पहलू से इनकार किया है। डीजीपी ने कहा कि धमाके में नौ लोगों की जान चली गई, जिनमें तीन राज्य जांच एजेंसी के कर्मी, दो क्राइम फोटोग्राफर, दो राजस्व अधिकारी और एक टेलर शामिल हैं। उन्होंने इसे एक आकस्मिक धमाका बताया और कहा कि घटना के कारण के बारे में कोई अन्य अटकलें लगाना अनावश्यक है। डीजीपी ने बताया कि थाना नौगाम की एफआईआर नंबर 162/2025 की जांच के दौरान 9 और 10 नवंबर 2025 को फरीदाबाद से विस्फोटक पदार्थों और केमिकल का एक बड़ा जखीरा बरामद किया गया था। डीजीपी ने कहा कि प्रोसेस के तहत बरामद सामग्री के सैंपल को आगे की फोरेंसिक और केमिकल जांच के लिए भेजा जाना था। उन्होंने आगे कहा कि भारी मात्रा में हुई बरामदगी के कारण, एफएसएल टीम द्वारा यह प्रोसेस दो दिनों तक जारी रहा। बरामदगी की अस्थिर और संवेदनशील प्रकृति के कारण, इसे अत्यंत सावधानी से संभाला जा रहा था। हालांकि इस प्रोसेस के दौरान 14 नवंबर को लगभग 11ः20 बजे एक धमाका हुआ। पुलिस थाने में हुए धमाके में एसआईए के एक सदस्य, एफएसएल टीम के तीन कर्मी, क्राइम साइट के दो फोटोग्राफर, मजिस्ट्रेट की टीम में शामिल दो राजस्व अधिकारी और टीम से जुड़े एक टेलर की मौत हो गई। इसके अलावा 27 पुलिसकर्मी, दो राजस्व अधिकारी और आस.पास के इलाकों के तीन नागरिक घायल हुए। डीजीपी प्रभात ने कहा कि घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।