बड़ी खबरः अरावली खनन मामला! सुप्रीम कोर्ट ने अपने ही फ़ैसले पर लगाई रोक, जानें क्या है पूरा मामला?

Big news: Aravalli mining case! Supreme Court stays its own decision; find out what the whole matter is.

नई दिल्ली। अरावली खनन मामले में आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने ही पुराने फैसले पर रोक लगा दी है। सीजेआई सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस मामले में 5 सवाल फ्रेम किए हैं। बेंच में जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह भी शामिल हैं। सीजेआई की अगुआई वाली पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के ही इस मामले पर दिए गए पूर्व के फैसले को फिलहाल के लिए स्‍थगित कर दिया है। इससे पहले 20 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अरावली पहाड़ियों और श्रेणियों (रेंज) की एक समान और वैज्ञानिक परिभाषा को मंजूरी दी थी। साथ ही दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में फैले अरावली क्षेत्र में विशेषज्ञों की रिपोर्ट आने तक नई खनन लीज देने पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट अब 21 जनवरी 2026 को इस मामले पर सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की एक समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए कहा था कि दुनिया की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखलाओं में से एक अरावली की रक्षा के लिए स्पष्ट और वैज्ञानिक परिभाषा बेहद जरूरी है। समिति के अनुसार अरावली जिलों में स्थित कोई भी भू-आकृति, जिसकी ऊंचाई जमीन से 100 मीटर या उससे अधिक हो, उसे अरावली पहाड़ी माना जाएगा। वहीं 500 मीटर के दायरे में स्थित दो या उससे अधिक ऐसी पहाड़ियों को मिलाकर अरावली रेंज की श्रेणी में रखा जाएगा। समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि पहाड़ी के साथ उसकी सहायक ढलानें, आसपास की भूमि और संबंधित भू-आकृतियां, चाहे उनका ढाल कितना भी हो, अरावली का हिस्सा मानी जाएंगी। इसी तरह दो पहाड़ियों के बीच का क्षेत्र भी निर्धारित मापदंडों के अनुसार अरावली रेंज में शामिल होगा।