उन्नाव रेप काण्डः सुप्रीम कोर्ट सख्त! कहा- इस अपराधी को किसी भी मामले में जमानत नहीं मिलनी चाहिए, पीड़ित को अलग से एसएलपी दाखिल करने का अधिकार
नई दिल्ली। यूपी के उन्नाव रेप केस में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सजायाफ्ता कुलदीप सेंगर को राहत देने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि आरोप गंभीर हैं। इस अपराधी को किसी भी मामले में जमानत नहीं मिलनी चाहिए। सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली बेंच ने सेंगर के वकील को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई अब चार हफ्ते बाद होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की शुरुआत में ही यह साफ कहा कि हम फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के पक्ष में हैं और बहस सिर्फ स्टे के मुद्दे पर ही होगी। कोर्ट ने कहा कि सेंगर दूसरे मामले में जेल में बंद है, स्थिति अजीब है। कहा कि आज इस मामले पर अंतिम फैसला नहीं कर रहे हैं। कुलदीप सेंगर के वकील ने हस्तक्षेप की अनुमति देने की अपील की। इस पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए कहा।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कहा कि सेंगर को रिहा नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़ित को अलग से एसएलपी दाखिल करने का अधिकार है। इसके लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता नहीं है। सीजेआई ने सुनवाई के दौरान कहा कि सेंगर को न्यायपालिका की ओर से ही दोषी ठहराया गया है। पीड़िता के वकील ने कहा कि पीड़ित परिवार अब भी खतरे में है। इस पर सीजेआई ने कहा कि आपको अपील दायर करने का अधिकार भी है। आपके पास कानूनी उपाय उपलब्ध हैं। कुलदीप सेंगर के वकीलों ने सीजेआई से कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के जजों की तस्वीरें इस टिप्पणी के साथ वायरल की जा रही हैं कि इन जजों की पहचान करें। सीजेआई ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि हमें पता है कि लोग राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। व्यवस्था को डराने-धमकाने की कोशिश ना करें। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि आप इन सब चीजों को सड़कों पर नहीं ला सकते। बहस कोर्ट के भीतर करें, बाहर नहीं। कोर्ट में अगली सुनवाई अब अगले महीने होगी।