नैनीताल: CEO और BEO ने DM वंदना का आदेश किया बायपास, छुट्टी के बावजूद शिक्षकों को बुलवाया स्कूल

- मुख्य शिक्षा अधिकारी गोविंद राम जायसवाल और खण्ड शिक्षा अधिकारी रामगढ़ गितिका जोशी के फरमान पर उठ रहे सवाल
नैनीताल। उत्तराखण्ड में इन दिनों मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। पहाड़ से लेकर मैदान तक मौसम के तल्ख तेवर डरा रहे हैं। ऐसे में शासन-प्रशासन अलर्ट मोड पर नजर आ रहा है और प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी लगातार हालातों पर नजर बनाए हुए हैं। मौसम के बिगड़े मिजाज को देखते हुए जिलाधिकारियों द्वारा कई जगहों पर स्कूलों की छुट्टी के आदेश दिए जा रहे हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। लेकिन नैनीताल जिले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली कहीं न कहीं जिलाधिकारी के आदेशों की अवहेलना करती दिख रही है। दरअसल, जिलाधिकारी के आदेश पर स्कूलों में बच्चों की छुट्टी तो की जा रही है, लेकिन विपरीत परिस्थितियों में भी शिक्षकों को काम पर बुलाया जा रहा है, जबकि जिलाधिकारी के आदेश में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा गया है कि शिक्षकों को ड्यूटी पर तैनात रहना है। अब इसे शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मनमर्जी कहें या फिर जिलाधिकारी के आदेश की अवहेलना। जो भी हो, शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ये कार्यशैली हर किसी के समझ से परे है। हैरानी की बात ये है कि जब भारी बारिश को लेकर मौसम विभाग द्वारा अलर्ट किया जा रहा हो और कई जगहों पर हालात बद से बदतर हो, वहां पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा शिक्षकों खासतौर पर महिला शिक्षकों को ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है। इनमें कई शिक्षिकाएं ऐसी भी हैं, जिनके छोटे-छोटे बच्चे हैं, जो विपरीत परिस्थितियों के बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारियों के आदेश पर ड्यूटी पर पहुंचते हैं। ऐसे में मुख्य शिक्षा अधिकारी गोविंद राम जायसवाल और खण्ड शिक्षा अधिकारी रामगढ़ गितिका जोशी के फरमान पर सवाल उठ रहे हैं।
शिक्षक संघ ने कुमाऊं कमिश्नर को लिखा पत्र
इस मामले राजकीय शिक्षक संघ द्वारा आज 4 अगस्त को कुमाऊं कमिश्नर को एक पत्र भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि आपदा अलर्ट अवकाश को लेकर विगत 21 जुलाई 2025 को राजकीय शिक्षक संघ नैनीताल ने आपसे मुलाकात की थी। और आपके द्वारा आपदा अलर्ट अवकाश का तत्काल संज्ञान लेते हुए अपने स्तर से इसे संशोधित करवाया, लेकिन मुख्य शिक्षा अधिकारी नैनीताल द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से मैसेज किया गया है कि अध्यापक और कर्मचारी विद्यालय में उपस्थित रहेंगे। पत्र में कहा गया कि जहां जिले में बारिश से आपदा की स्थिति बनी हुई है, वहीं मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा जबरन शिक्षकों को विद्यालय में बुलाया जाना व्यवहारिक नहीं है। कहा कि जो शिक्षक जिलाधिकारी के आदेशानुसार विद्यालय नहीं गए हैं, अधिकांश प्रधानाचार्यों द्वारा उपस्थिति पंजिका में उनका आकस्मिक अवकाश अंकित किया जा रहा है। उन्होंने इस मामले में उचित कार्यवाही की मांग की है।