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संसद का शीतकालीन सत्रः लोकसभा में वंदे मातरम पर विशेष चर्चा! प्रधानमंत्री मोदी बोले- इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनना हम सभी के लिए गर्व की बात

Parliament's Winter Session: A special discussion on Vande Mataram in the Lok Sabha! Prime Minister Modi said, "It is a matter of pride for all of us to witness this historic occasion."

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र का आज आठवां दिन है। इस दौरान राष्ट्रगीत वंदे मातरम के डेढ़ सौ साल पूरे होने पर लोकसभा में विशेष चर्चा हो रही है। इस विशेष चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि जिस मंत्र ने, जिस जयघोष ने देश के आजादी के आंदोलन को ऊर्जा और प्रेरणा दी थी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था, उस वंदे मातरम् का पुण्य स्मरण करना इस सदन में हम सबका बहुत बड़ा सौभाग्य है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे लिए यह गर्व की बात है कि वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और हम सभी इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि जब वंदे मातरम् के 50 वर्ष पूरे हुए थे, तब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। जब इसके 100 वर्ष पूरे हुए, तब देश आपातकाल के अंधेरे में था। आज जब इसके 150 वर्ष हो रहे हैं, तो भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह वह पवित्र वंदे मातरम् है जिसने स्वतंत्रता संग्राम को साहस और संकल्प का रास्ता दिखाया, आज इस सदन में उसका स्मरण करना हम सबके लिए महान सौभाग्य और गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि वंदेमातरम् में हजारों वर्ष की सांस्कृतिक ऊर्जा भी थी, इसमें आजादी का जज्बा भी था और आजाद भारत का विजन भी था। अंग्रेज समझ चुके थे कि 1857 के बाद भारत में लंबे समय तक टिक पाना उनके लिए मुश्किल होता जा रहा है। जिस प्रकार के सपने लेकर वे आए थे, उन्हें यह साफ दिखने लगा कि जब तक भारत को बांटा नहीं जाएगा, लोगों को आपस में लड़ाया नहीं जाएगा, तब तक यहां राज करना कठिन है। तब अंग्रेज़ों ने बांटो और राज करो का रास्ता चुना और उन्होंने बंगाल को इसकी प्रयोगशाला बनाया।