पंचायत चुनावः चर्चा में टिहरी गढ़वाल के जौनपुर ब्लॉक की भुत्सी सीट! सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरिता बनाम सीता की लड़ाई, सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा नैनीताल हाईकोर्ट का फैसला

टिहरी गढ़वाल। टिहरी गढ़वाल के जौनपुर ब्लॉक की भुत्सी सीट इस बार के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 में चर्चा का केंद्र बनी हुई है। यहां की लड़ाई न सिर्फ दो प्रत्याशियों के बीच है, बल्कि भाजपा और कांग्रेस के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुकी है। ये लड़ाई सरिता बनाम सीता के बीच की हो गई है।
बता दें कि रिटर्निंग अफसर द्वारा पहले सीता देवी का नामांकन रद्द कर दिया गया था, जिससे सरिता नकोटी निर्विरोध विजेता घोषित हो गईं। लेकिन सीता देवी ने न्यायालय की शरण ली और उच्च न्यायालय ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए नामांकन बहाल करने और चुनाव चिन्ह देने का निर्देश दिया। बीते बुधवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए आरओ के फैसले को अवैधानिक करार देते हुए तत्काल प्रभाव से सीता देवी को चुनाव चिह्न आवंटित करते हुए निर्विरोध निर्वाचन रद्द करने के आदेश दिए। शुक्रवार को प्रत्याशी सीता देवी ने कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता व इस मामले में पैरवी करने वाले शांति प्रसाद भट्ट सहित अन्य लोगों के साथ जिला पंचायत कार्यालय बौराड़ी पहुंचकर सिंबल देने के लिए आरओ से अपील की। अपराह्न बाद रिटर्निंग आफिसर व पीडी डीआरडीए पीएस चौहान ने सीता देवी को चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया। लेकिन इसके बाद सरिता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और विशेष याचिका दायर कहा कि वो पहले ही निर्विरोध चुनाव जीत चुकी है, क्योंकि वो ही एकमात्र प्रत्याशी बची थी।
वहीं आज मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाइकोर्ट के निर्णय पर हस्तक्षेप नहीं किया और हाइकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। अब टिहरी गढ़वाल जौनपुर ब्लाक के जिला पंचायत वार्ड भुत्सी में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी सीता देवी भी चुनाव लड़ सकती है।
आपको बता दें कि हाईकोर्ट की ओर से जौनपुर ब्लाक के जिला पंचायत वार्ड भुत्सी में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी सीता देवी का नामांकन वैध पाए जाने और उन्हें निर्वाचन प्रतीक चिन्ह देने के निर्देश दिए थे। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत जिला पंचायत के भुत्सी वार्ड से कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी सीता देवी का नामांकन रिटर्निंग आफिसर ने अदेयता प्रमाणपत्र सहकारिता को वैध न मानते हुए निरस्त कर दिया था जिसके चलते सीट पर भाजपा समर्थित प्रत्याशी सरिता नकोटी का निर्विरोध चुना जाना तय हो गया था। लेकिन इस मामले में सीता देवी ने हाईकोर्ट की शरण ली थी जहां उनके पक्ष में फैसला आया था और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी हाइकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है