नैनीताल में पंचायत चुनाव का जोश: दूसरे चरण के लिए 86 पोलिंग पार्टियां रवाना

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में पंचायत चुनाव का बिगुल पूरे जोर-शोर से बज रहा है! पहला चरण सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद अब दूसरे चरण के मतदान की तैयारियां अपने चरम पर हैं। आज सुबह से ही नैनीताल के विभिन्न ब्लॉक कार्यालयों में हलचल शुरू हो गई थी। पोलिंग पार्टियां अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना हो चुकी हैं, और लोकतंत्र का यह उत्सव एक बार फिर जिले के कोने-कोने में उत्साह और उमंग लेकर आया है।
नैनीताल जिले में पहले चरण के मतदान संपन्न होने के बाद आज सुबह दूसरे फेज के लिए पोलिंग पार्टियां अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गई हैं। नैनीताल के विभिन्न ब्लॉक कार्यालयों में चुनावी ड्यूटी पर तैनात कर्मी सुबह से ही जुटना शुरू हो गए थे। दस्तावेजों के गहन मिलान के बाद, चुनाव सामग्री और मतपेटियां लेकर इन टीमों को उनके दूरस्थ मतदान केंद्रों के लिए रवाना किया गया। भीमताल से पोलिंग पार्टियां रवाना हो गयी हैं। 4 पार्टियां कल रवाना हुई हैं और 86 मतदान पार्टियों को आज रवाना कर दिया गया है।भीमताल में कुल 90 मतदान केंद्रों में मतदान होना है। हालांकि दूसरे फेज में भी मौसम और आपदा के संकट बना है तो टेंशन प्रशासन के सामने है। वहीं पहले चरण में हुई कुछ कर्मचारियों तबियत खराब होने के बाद इस बार क्षेत्र में मेडिकल टीमों को लगाया गया है।इस स्क्रिप्ट के आधार पर एक नजर में लोगो को आकर्षित करने वाली पांच हेडलाइन बना कर दीजिए
दूसरे चरण के मतदान के साथ मौसम और प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बना हुआ है। उत्तराखंड का पहाड़ी इलाका हमेशा से मौसम की अनिश्चितता के लिए जाना जाता है, और इस बार भी प्रशासन के सामने यह एक बड़ी चुनौती है। बारिश, भूस्खलन या अन्य प्राकृतिक बाधाएं मतदान प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं। लेकिन प्रशासन ने इस बार पहले चरण के अनुभवों से सबक लेते हुए व्यापक इंतजाम किए हैं। पहले चरण में कुछ कर्मचारियों की तबीयत खराब होने की घटनाओं के बाद इस बार मेडिकल टीमें भी तैनात की गई हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।नैनीताल के मतदाता इस बार भी पूरे जोश के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग करने को तैयार हैं। पंचायत चुनाव न केवल स्थानीय नेतृत्व का चयन करते हैं, बल्कि ग्रामीण विकास की दिशा भी तय करते हैं। भीमताल सहित जिले के अन्य हिस्सों में मतदाताओं का उत्साह देखते ही बनता है। प्रशासन ने भी मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए हर संभव कदम उठाए हैं।