पंतनगर विश्वविद्यालय में बीटेक पेपर लीक कांड: कुलपति को नहीं थी खबर, जांच में बड़ा खुलासा

पंतनगर विश्वविद्यालय से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जानकारी के मुताबिक यहां बीटेक के द्वितीय सेमेस्टर के फाइनल पेपर लीक हो गए थे, जिसकी जांच भी कराई गई। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि कुलपति को इस बात का पता तक नहीं चला।
खबरों के अनुसार प्रद्यौगिकी महाविद्यालय के द्वितीय सेमेस्टर 2024-25 की अंतिम परीक्षाओं के दौरान दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष के बैकलॉग विषयों की परीक्षा 20 मई से तीन जून तक चली। लेकिन इससे पहले ही कुछ पेपर लीक हो गए, हैरानी की बात ये है कि विवि प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। जब कुछ छात्रों ने शिक्षकों, कुलपति को संबोधित पत्र डीन को देकर पेपर लीक की शिकायत की तो विवि में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में महाविद्यालय के डीन डॉक्टर एसएस गुप्ता ने स्नातकोत्तर महाविद्यालय के डीन डॉक्टर लोकेश वार्ष्णेय के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी। टीम में डॉक्टर डीएस मूर्ति, डॉक्टर अजय कुमार भी थे। हालांकि पेपर लीक करने के शक में ठेके पर तैनात दो कर्मचारियों को हटा दिया गया। टीम ने जांच रिपोर्ट डीन को सौंप दी। विवि में चर्चा जोरों पर है कि पेपर लीक हुए और पेपर लीक करने वालों को कुछ छात्रों ने ऑनलाइन, तो कुछ ने कैश भुगतान किया था। करीब 10 से 12 लाख रुपये के भुगतान की चर्चा है। हालांकि यह जांच का विषय है। प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के डीन डॉक्टर एसएस गुप्ता का कहना था कि मामले की जांच कराई जा रही है। वहीं पंत विवि के कुलपति डॉक्टर मनमोहन सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है, यदि मामला सामने आएगा तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
इधर परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर विनोद कुमार ने छह सितंबर को पत्र जारी किया है। इसमें लिखा गया है कि द्वितीय सेमेस्टर 2024-25 की अंतिम परीक्षाओं में पेपर लीक की शिकायतों की जांच के लिए प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के डीन की ओर से जांच कमेटी गठित की गई थी। समिति की सिफारिशों और उसके सक्षम प्राधिकारी की ओर से शनिवार को दिए गए अनुमोदन के आधार पर उन छात्रों की कंपार्टमेंट परीक्षाएं निरस्त की जाती हैं, जिन्होंने द्वितीय सेमेस्टर 2024-25 की अंतिम परीक्षाओं के दौरान मैकेनिकल इंजीनियरिंग के दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष के अपने बैकलॉग विषयों की परीक्षा दी थी। डीन से अनुरोध है कि अपने स्तर पर दोबारा परीक्षाएं कराएं और पुनः परीक्षा कार्यक्रम की एक प्रति कार्यालय को उपलब्ध कराएं।