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नीतीश कुमार का बड़ा एक्शन,जेडीयू के 4 पूर्व विधायक एक एमएलसी समेत 11 नेताओं को किया निष्कासित

Nitish Kumar takes major action, expels 11 JDU leaders, including four former MLAs and an MLC.

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जनता दल (यूनाइटेड) ने अपनी पार्टी के बागी नेताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है। टिकट न मिलने से नाराज 11 नेताओं ने बागी तेवर अपनाए, जिसके बाद नीतीश कुमार की पार्टी इन सभी को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इनमें एक मौजूदा विधायक, एक पूर्व मंत्री, दो पूर्व विधायक और एक पूर्व विधान पार्षद शामिल हैं। 

बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार अभियान जोर पकड़ रहा है।18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर 6 नवंबर को मतदान होगा, जबकि 20 जिलों की 122 सीटों पर 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे।  नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद कई बागी नेताओं ने निर्दलीय या अन्य दलों के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया, जिसके बाद जदयू ने इनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की। मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के निर्देश पर बागी नेताओं के खिलाफ सख्ती बरती गई है। पार्टी ने स्पष्ट किया कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निष्कासित नेताओं में कई बड़े नाम शामिल हैं, जिन्होंने टिकट न मिलने के बाद पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर चुनाव लड़ने का फैसला किया। जिन नेताओं पर कार्रवाई हुई, उनमें जमालपुर (मुंगेर) के पूर्व मंत्री शैलेश कुमार, चकाई (जमुई) के 2020 के उम्मीदवार संजय प्रसाद, बड़हरिया (सिवान) के पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह, बरहरा (भोजपुर) के पूर्व विधायक रणविजय सिंह और बरबीघा (शेखपुरा) के मौजूदा विधायक सुदर्शन कुमार शामिल हैं। इनके अलावा साहेबपुर कमाल (बेगूसराय) के अमर कुमार सिंह, महुआ (वैशाली) की आसमा परवीन, नवीनगर (औरंगाबाद) के लव कुमार, कदवा (कटिहार) की आशा सुमन, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) के दिव्यांशु भारद्वाज और जीरा देई (सिवान) के विवेक शुक्ला भी निष्कासित किए गए हैं। 

टिकट न मिलने से नाराज ये नेता निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में या अन्य दलों के सहयोग से चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। इनके बागी तेवर ने जदयू के लिए कई सीटों पर मुश्किलें खड़ी कर दी है। खासकर उन क्षेत्रों में, जहां इन नेताओं का स्थानीय स्तर पर प्रभाव माना जाता है। जदयू ने सभी बागी नेताओं को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया। पार्टी के प्रदेश महासचिव और मुख्यालय प्रभारी चंदन कुमार सिंह के हस्ताक्षर से निष्कासन पत्र जारी किया गया। इस कार्रवाई को जदयू ने अनुशासन बनाए रखने और पार्टी की एकजुटता को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम बताया है।  बागी नेताओं के मैदान में उतरने और जदयू की कार्रवाई से बिहार विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बागी उम्मीदवार जदयू के आधिकारिक प्रत्याशियों के लिए चुनौती बन सकते हैं। हालांकि, नीतीश कुमार की रणनीति और संगठन की ताकत को देखते हुए पार्टी इस स्थिति से निपटने के लिए तैयार दिख रही है।