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संसद शीतकालीन सत्र का नौवां दिन! चुनाव सुधार पर तीखी बहस, ‘वंदे मातरम’ चर्चा पर आज जेपी नड्डा देंगे जवाब

Parliament's winter session begins on the ninth day! Electoral reforms are hotly debated, and JP Nadda will respond to the "Vande Mataram" debate today.

संसद के शीतकालीन सत्र का नौवां दिन आज कई राजनीतिक हलचलों और महत्वपूर्ण बहसों का गवाह बना। लोकसभा की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई, जबकि राज्यसभा में आज चुनाव सुधारों पर विस्तृत चर्चा का एजेंडा तय किया गया है। इसके साथ ही सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा राज्यसभा में ‘वंदे मातरम के 150 वर्ष’ पर हुई पिछली चर्चा का जवाब देंगे, जिसने बुधवार को भारी हंगामे के बीच अचानक सुर्खियां बटोरी थीं।

राज्यसभा में बुधवार को ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने पर हुई चर्चा तय समय से एक घंटा अधिक चली, जिससे विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच टकराव और बढ़ गया। चर्चा पूरी न होने की स्थिति में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने घोषणा की थी कि गुरुवार को नेता सदन जेपी नड्डा इसका जवाब देंगे। नड्डा के संबोधन के बाद उच्च सदन में चुनाव सुधारों पर बहस प्रारंभ होगी, जिसके दौरान राजनीतिक दलों के बीच तीखी नोकझोंक की पूरी संभावना जताई जा रही है।इस बीच, कांग्रेस सांसद सप्तगिरी उल्का ने चुनाव आयोग की भूमिका को लेकर सत्ता पक्ष पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जब भी विपक्ष चुनाव आयोग के खिलाफ सवाल उठाता है, तब आयोग की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आती, लेकिन भाजपा के प्रवक्ता तुरंत मैदान में उतर जाते हैं और आयोग का बचाव करने लगते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता को लेकर विपक्ष ने कई गंभीर सवाल उठाए हैं, जिनके उत्तर अब तक नहीं मिले। उल्का के बयान से साफ है कि चुनाव सुधारों पर होने वाली बहस में विपक्ष चुनाव आयोग की निष्पक्षता और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को प्रमुख मुद्दा बनाएगा। वहीं, सत्ताधारी पक्ष के सूत्रों के अनुसार भाजपा चुनाव आयोग पर हमले को दुर्भावनापूर्ण बताकर विपक्ष को कटघरे में खड़ा कर सकती है। वंदे मातरम’ पर चर्चा के दौरान हुए हंगामे ने भी सत्र की गरमाहट बढ़ा दी है। विपक्ष का आरोप है कि भाजपा और उसके सहयोगी राष्ट्रीय गीत को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि ट्रेजरी बेंच ने पलटवार करते हुए कहा कि आजादी केवल कांग्रेस की बदौलत नहीं मिली, बल्कि सशस्त्र क्रांतिकारियों और देशभक्तों का भी बड़ा योगदान रहा है। सत्ता पक्ष ने दावा किया कि विपक्ष राष्ट्रीय विरासत और सांस्कृतिक गौरव के मुद्दों पर चर्चा से बच रहा है। आज राज्यसभा में चुनाव सुधारों पर होने वाली चर्चा के दौरान राजनीतिक दलों के बीच टकराव और तीखे हो सकते हैं। सत्र के बीते कुछ दिनों में लगातार हो रहे हंगामे को देखते हुए यह साफ है कि विपक्ष सरकार को किसी भी मुद्दे पर बिना चुनौती के नहीं छोड़ना चाहता। वहीं, सरकार अपनी नीतियों और निर्णयों का बचाव करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही।