नैनीतालः वोटर लिस्ट में बाहरी लोगों के नाम शामिल करने का मामला! हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती, कहा- कोई रिकार्ड है तो कल तक करें पेश

नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने नैनीताल जिले के बुधलाकोट ग्राम सभा में क्षेत्र से बाहर के लोगों का नाम पंचायत चुनाव की वोटर लिस्ट में शामिल करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक महरा की खण्डपीठ ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य चुनाव आयोग से कहा है कि इनको वोटर लिस्ट में शामिल करने के क्या मापदंड अपनाए गए? लिस्ट में शामिल करते वक्त इनको किस आधार पर चिन्हित किया गया कि ये यहां रहते हैं। कोई रिकार्ड है तो कल तक कोर्ट में पेश करें। आयोग के अधिवक्ता द्वारा न्यायालय के संज्ञान में लाया गया कि वोटर लिस्ट बनाते वक्त मापदंडों का पूरा सहयोग लिया गया। जिन वोटरों के नामों पर आपत्तियां दर्ज की गई थी उनकी जांच केमटी ने की। जिसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता द्वारा कहा गया कि जो लोग यहां के निवासी नही हैं, उनके द्वारा उसपर आपत्ति दर्ज की है। उनके नाम ग्राम सभा के परिवार रजिस्टर्ड में दर्ज नही हैं। जिनके हैं उसमें भी कई तरह की अनियमितता है। जिसपर कोर्ट ने वोटरों का वेरिफिकेशन रिकार्ड पेश करने को कहा है। बता दें कि अभी तक पंचायत चुनाव को चुनोती देने सम्बन्धी 25 से अधिक याचिकाएं अलग-अलग मुद्दों को लेकर दायर हो चुकी हैं।
बता दें कि बुधलाकोट निवासी आकाश बोरा ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उनके ग्राम की वोटर लिस्ट में 82 बाहरी लोगों के नाम शामिल किये गए हैं। जिनमें अधिकतर लोग उड़ीसा राज्य व अन्य जगह के हैं। जब इसकी शिकायत उनके द्वारा एसडीएम से की गई तो उनके द्वारा इसमें एक जांच कमेटी गठित की गई। जांच कमेटी ने वोटर लिस्ट का अवलोकन करके पाया कि इसमे से 18 लोग बाहर के हैं, लेकिन अंतिम लिस्ट जारी होने के बाद भी चिन्हित 18 लोगों के नाम वोटर लिस्ट से नही हटाये गए। जनहित याचिका दायर करने के बाद उनके द्वारा ऐसे ही 30 अन्य की लिस्ट भी कोर्ट में पेश की गई। शिकायत करने के बाद भी जिसपर कोई कार्यवाही नही की गई। सुनवाई के बाद आयोग की तरफ से कहा गया कि कुछ लोगों को चिन्हित किया गया है। वोटर लिस्ट बनाते वक्त बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर वोटरों को चिन्हित किया। उसी के आधार पर वोटर लिस्ट बनाई गई, लेकिन कोर्ट ने आयोग से पूछा कि जब वोटर लिस्ट बनाई गई, क्या वोटरों का उस वक्त आधार कार्ड, वोटर आईडी या राशन कार्ड या स्थायी निवास से सम्बंधित दस्तावेजों की जांच की। अगर की है तो उसका रिकार्ड प्रस्तुत करें। या ओरली तौर पर नाम बताए जाने के आधार पर उनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल कर दिया गया।