Awaaz24x7-government

नैनीताल: सौंदर्यीकरण से खड़ी बाजार में खड़ी हैं आपातकालीन चुनौतियां! अग्निकांड जैसे हादसे में रेस्क्यू के लिए रोड़ा न बन जाए सीढ़ियां

Nainital: Beautification has created emergency challenges in the market! Stairs should not become a hindrance for rescue in case of an accident like fire

नैनीताल के मोहन को चौराहा उत्तराखंड हाईकोर्ट जाने वाले मार्ग पर स्थित ऐतिहासिक भवन ओल्ड लंदन हाउस में कल रात हुए भीषण अग्निकांड से पूरे शहर में सनसनी मच गई।

हादसे में उत्तराखंड के जाने माने इतिहासकार पर्यावरणविद प्रो अजय रावत की बहन शांता बिष्ट की भी जलकर मृत्यु हो गई। आग को बुझाने के लिए देर से पहुंची फायर बिग्रेड में पानी कम था, हाइड्रेंट भी काम नहीं कर रहे थे,जिसकी वजह से आग समय पर काबू नहीं हो पाई और देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया।

मोहन को चौराहे तक तो फायर ब्रिगेड आसानी से पहुंच भी गई और देर रात करीब दो बजे आग पर काबू भी पा लिया गया, लेकिन नैनीताल के मल्लीताल बाजार क्षेत्र, खड़ी बाजार, जय लाल साह बाजार, बड़ा बाजार और कमेटी लाइन जैसे इलाकों में फायर ब्रिगेड का पहुंचना मुश्किल हो गया है।

इन सभी जगहों पर ब्रिटिश कालीन मकान बने है जिनमे से ज्यादातर लकड़ी के बने हैं।  यहां फायर बिग्रेड पहुंचने में मुश्किल इसीलिए होगी क्योंकि 2021 में तत्कालीन डीएम धीराज गर्ब्याल द्वारा शुरू किया गया सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट है। इस दौरान खड़ी बाजार के प्रवेश द्वार पर गेट हटाकर सीढ़ियां बना दी गईं, जिससे चार पहिया वाहनों का प्रवेश पूरी तरह बंद हो गया। 

सौंदर्यीकरण के दौरान तत्कालीन डीएम ने शहर के हाइड्रेंट्स को चेक करने और बंद पड़े हाइड्रेंट्स को चालू करने के निर्देश दिए थे। लेकिन खड़ी बाजार में पहले भी एक दुकान में आग लगने पर सभी हाइड्रेंट खाली पाए गए थे।

मोहन को चौराहे में हुए अग्निकांड में आपातकालीन व्यवस्थाओं की कमी साफ नजर आई,ऐसा कोई हादसा अगर खड़ी बाज़ार से जाने वाले स्थानों में हो जाता है तो वहां तक फायर बिग्रेड का पहुंचना भी मुश्किल है स्थानीय लोगों और व्यापार मंडल ने सौंदर्यीकरण के नाम पर बनाई गई सीढ़ियों को हटाने की मांग तेज कर दी है। उनका कहना है कि आपातकालीन स्थिति में फायर ब्रिगेड और अन्य राहत वाहनों की आवाजाही के लिए गेट बनाए जाने चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी को रोका जा सके।

 



कल हुए अग्निकांड ने न केवल एक ऐतिहासिक भवन और एक अनमोल जिंदगी को निगल लिया, बल्कि प्रशासन की लापरवाही और आपातकालीन तैयारियों की कमी को भी उजागर कर दिया। इस घटना ने प्रशासन को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है,स्थानीय लोग अब खड़ी बाजार की सीढ़ियों को हटाने और बेहतर आपातकालीन व्यवस्था की मांग कर रहे हैं।