संसद का मानसून सत्र आज होगा समाप्त! विपक्ष के हंगामे और अहम विधेयकों पर रही छाप

नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र आज गुरुवार को समाप्त हो रहा है। यह सत्र 21 जुलाई से शुरू हुआ था और लगभग एक माह तक चला। इस दौरान लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही कई बार विपक्ष के विरोध प्रदर्शनों के कारण बाधित हुई। सत्र की अंतिम बैठक आज सुबह 11 बजे आयोजित की जाएगी।
पूरे सत्र में विपक्षी दलों ने बिहार में मतदाता सूची संशोधन का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। विपक्ष ने चुनाव आयोग और सत्तारूढ़ भाजपा पर आरोप लगाया कि राज्य में मतदाता सूची में जानबूझकर हेरफेर की साजिश की जा रही है। इसी को लेकर विपक्षी सांसदों ने सदन के भीतर और बाहर जमकर हंगामा किया। बार-बार शोर-शराबे और नारेबाजी के चलते सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। हालांकि इस विरोध के बीच संसद ने कुछ अहम विधेयक भी पारित किए। बुधवार को लोकसभा ने विपक्ष के कड़े विरोध के बावजूद ऑनलाइन गेमिंग विधेयक, 2025 के प्रचार और विनियमन से जुड़ा बिल पारित कर दिया। यह कानून ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
सत्र के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कई अहम विधेयक पेश किए। इनमें सबसे चर्चित वह विधेयक रहा, जिसके तहत गंभीर आपराधिक आरोपों में फंसे निर्वाचित प्रतिनिधियों को उनके पद से हटाने का प्रावधान है। यदि यह कानून लागू होता है तो इसके दायरे में प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्री भी आएंगे। इसे सत्ता और राजनीति में शुचिता लाने के दृष्टिकोण से ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। सत्र में सत्ता और विपक्ष के बीच लगातार टकराव देखने को मिला। जहां सरकार ने अपनी उपलब्धियों और विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाने पर जोर दिया, वहीं विपक्ष ने आरोप लगाया कि उनकी मांगों और जनता से जुड़े मुद्दों को दबाया जा रहा है। कुल मिलाकर, मानसून सत्र एक ओर जहां विपक्षी दलों के आक्रामक तेवरों के लिए याद किया जाएगा, वहीं दूसरी ओर कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों के पारित होने और भविष्य की राजनीति को प्रभावित करने वाले कानूनों के लिए भी ऐतिहासिक बन गया। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आने वाले समय में विपक्ष के आरोपों और सरकार की नीतियों का राजनीतिक समीकरणों पर क्या असर पड़ता है।