Awaaz24x7-government

IPS पूरन कुमार सुसाइड केसः मौत के 4 दिन बाद भी नहीं हुआ पोस्टमार्टम! DGP शत्रुजीत कपूर समेत 14 अधिकारियों पर केस दर्ज, IAS पत्नी ने रखी चार मांगें

IPS Puran Kumar's suicide case: Four days after his death, a post-mortem examination has not yet been conducted. A case has been filed against 14 officers, including DGP Shatrughan Kapoor. The IAS of

चंडीगढ़। हरियाणा के 2001 बैच के एडीजीपी रैंक के आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या मामले में पुलिस ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया समेत सुसाइड नोट में शामिल 14 अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। सभी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 3(5), 3(1) (आर) और एससीएसटीएक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। इधर वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या को चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन उनके परिजन अब तक पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं हैं। परिवार का कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक वाई पूरन कुमार का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। आईएएस पत्नी अमनीत पी. कुमार ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को एक विस्तृत पत्र सौंपा है, जिसमें उन्होंने अपने पति के साथ हुई प्रशासनिक और जातिगत प्रताड़ना को विस्तार से लिखा है। उन्होंने लिखा कि वाई पूरन कुमार एक ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ और साहसी अधिकारी थे, जिन्होंने समाज के कमजोर तबकों, खासकर अनुसूचित जाति समुदाय के लिए आवाज उठाई थी। आईएएस अमनीत कुमार ने अपने पत्र में कहा कि उनके पति की मौत सिर्फ एक पारिवारिक त्रासदी नहीं बल्कि ‘न्याय और शासन में विश्वास की परीक्षा’ है। उन्होंने लिखा कि न्याय में देरी, न्याय नहीं मिलने के समान है। अमनीत का कहना है कि एफआईआर दर्ज होने में 48 घंटे से ज्यादा की देरी सिर्फ इसलिए हुई क्योंकि जिन अधिकारियों पर नामजद आरोप थे, वो प्रभावशाली पदों पर बैठे हैं। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि शिकायत दर्ज कराने के बाद उनके परिवार को धमकी दी जा सकती है या झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश हो सकती है।  

परिवार ने प्रशासन और सरकार के सामने रखी चार प्रमुख मांगें
1-सभी नामजद अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी और निलंबन।
2-पत्नी और दो बेटियों को स्थायी सुरक्षा।
3-परिवार की गरिमा और अधिकारों की रक्षा।
4-निष्पक्ष और पारदर्शी जांच।

न्याय मिलने के बाद ही अंतिम संस्कार
पूरन कुमार का परिवार इस बात पर अडिग है कि जब तक दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं होती, वो अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मामले में संवेदना जताई है और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। इस पूरे घटनाक्रम ने हरियाणा पुलिस और प्रशासनिक तंत्र को हिला कर रख दिया है। एक तरफ अधिकारियों में सन्नाटा है, वहीं दूसरी ओर सामाजिक संगठनों ने भी अमनीत कुमार की मांगों के समर्थन में आवाज़ उठाई है, ताकि वाई पूरन कुमार को उनकी सेवा और त्याग के अनुरूप न्याय मिल सके।