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शातिर बिजनसमैनः 50 लाख का बीमा, नकली लाश और पुतले ने उगल दिया सारा राज! जब पुतले की ‘डेड बॉडी’ लेकर शमशान घाट पहुंचे चार लोग, मच गया हंगामा

 A cunning businessman: 50 lakh rupees insured, a fake corpse, and a mannequin revealed all the secrets! When four people arrived at the crematorium with the mannequin's 'dead body', an uproar broke

हापुड़। यूपी के हापुड़ से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। दरअसल यहां एक शख्स ने बीमा क्लेम हथियाने के लिए ऐसी खौफनाक साजिश रची, जिसका खुलासा होने पर पुलिस भी अचंभित रह गई। दरअसल, हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर पुलिस ने तीर्थ नगरी ब्रजघाट शमशान घाट पर शव के स्थान पर पुतले का अंतिम संस्कार करने आए दो आरोपियों गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके कब्जे से दो प्लास्टिक के पुतले, कफन का कपड़ा और घटना में इस्तेमाल कार बरामद की है। पुलिस के मुताबिक दिल्ली के कपड़ा व्यापारी ने कर्ज के बोझ तले दबकर अपने ही नौकर की नकली मौत दिखाकर 50 लाख रुपये का बीमा क्लेम हथियाने की खतरनाक साजिश रची थी। जानकारी के अनुसार दिल्ली के महावीर एन्कलेव निवासी कमल सोमानी करीब 50 लाख रुपये के कर्ज में डूबा था। एक साल पहले उसने अपने नौकर अंशुल के नाम टाटा एआईए से 50 लाख रुपये का बीमा कराया और खुद को नॉमिनी बनाया। जब अंशुल घर चला गया, तब कमल ने दिमाग में खतरनाक योजना बनाई। 

हरकते देख लोगों को हुआ शक और पुलिस तक पहुंच गई बात
दरअसल, 27 नवंबर को गढ़मुक्तेश्वर स्थित बृजघाट श्मशान घाट में चार लोग एक ड़ेड बॉडी लेकर पहंचे। लेकिन ड़ेड बॉडी लेकर आए लोगों की हरकतें देख वहां मौजूद अन्य लोग अचंभित थे। यूं तो हर श्मशान घाट की परंपरा होती है, मुर्दों को लाने के बाद श्मशान के अंदर उसे नहलाया जाता है। फिर पुरोहित या पंडित मंत्रोच्चार के बीच चिता सजाते हैं। इसके बाद श्मशान के ही कर्मचारी लकड़ियों की चिता पर अर्थी को रखते हैं। हमेशा श्मशान पहुंचने के बाद मुर्दे के साथ आए लोगों में से ही कोई लकड़ी, घी और पूजा सामग्री उसी श्मशान से खरीदता है। फिर अंतिम संस्कार किसी पुरोहित या पंडित की मौजूदगी में ही किया जाता है। लेकिन उक्त लोगों ने किसी पुरोहित या पंडित को नहीं बुलाया, बल्कि खुद ही लकड़ियां सजाकर चिता तैयार कर दी। इसी दौरान श्मशान के एक पंडित की नजर उक्त लोगों पर पड़ गई। इस दौरान जैसे ही उक्त लोग कार से डेड बॉडी उठाने लगे, तो पंडित जी पीछे-पीछे चले गए। शक होने पर उन्होंने लाश का चेहरा दिखाने को कहा, लेकिन उक्त लोगों ने साफ मना कर दिया। उक्त लोगों का कहना था कि लाश सीधे अस्पताल से लेकर आ रहे हैं। लाश की हालत बेहद खराब है। खासकर चेहरा तो देखने लायक बिल्कुल भी नहीं है। ये सब कहते हुए चारों ने फटाफट खुद से ही सजाई चिता पर कफन से ढकी लाश को लिटा दिया। बिना पंडित, बिना पुरोहित और बिना किसी मंत्रोच्चार के बेहद जल्दबाजी में उक्त लोगों को अंतिम संस्कार करते देख वहां मौजूद लोगों का शक और बढ़ने लगा। इसी बीच उनमें से एक की नजर पैरों से थोड़ा सा खिसक चुकी कफन पर पड़ी। पैर देखते ही वो हैरान रह गया, क्योंकि ये पैर किसी इंसान के नहीं थे बल्कि डमी के थे। तभी वहां मौजूद एक शख्स ने झटके से कफन हटा दिया। जैसे ही कफन हटा, वहां मौजूद लोग हक्के-बक्के रह गए। इस दौरान चिता पर कोई लाश नहीं, बल्कि एक पुतला था। इस दौरान किसी ने पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दे दी। आनन-फानन में पुलिस टीम मौके पर पहुंच गयी। तभी दो लोग फरार हो गए, जबकि दो को पकड़ लिया गया। इसके बाद पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में जो खुलासा किया, उसे सुनकर हर कोई हतप्रभ रह गया। 

नौकर के नाम पर 50 लाख का बीमा, खुद बना नॉमिनी
बताया गया कि कमल सोमानी दिल्ली के पालम का रहने वाला है। कमल सोमानी की करोल बाग में ड्राइफ्रूट की एक दुकान थी। उस दुकान पर नीरज नाम का एक लड़का नौकरी करता था। नीरज का एक भाई है अंशुल। अक्सर अंशुल भी अपने भाई से मिलने आता जाता रहता था। दोनों बिहार के रहने वाले हैं। दिल्ली आने के बाद अंशुल ने अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड कमल सोमानी के घर के पते पर ही बनवाया था। कमल सोमानी के पिता की मौत के बाद दुकान घाटे में चलने लगी और फिर एक रोज दुकान बंद हो गई। दुकान बंद होते ही नीरज वापस बिहार लौट गया। अंशुल पहले से ही लौट चुका था। इधर दुकान बंद होते ही कमल सोमानी कर्ज में डूब चुका था। कर्ज से बाहर निकलने के लिए उसने यह खौफनाक साजिश रच डाली। चूंकि अंशुल का आधार और पैन कार्ड उसी के पास था, लिहाजा उसने उन्हीं दोनों दस्तावेज का इस्तेमाल करते हुए अंशुल के नाम पर 50 लाख रूपए की एक बीमा पॉलिसी खरीदी और नॉमिनी खुद को बनाया। इसके बाद कमल ऑनलाइन उस पॉलिसी की किश्त भरता रहा। कमल को पता था कि अंशुल और उसका भाई बिहार में हैं। दोनों को इस पॉलिसी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। कई किश्त भरने के बाद अब इंश्योरेंस की रकम हासिल करने के लिए कमल ने खौफनाक प्लानिंग की और कुछ अन्य लोगों को इस प्लानिंग में शामिल कर लिया। 

पुतले ने फोड़ दिया सारा भांडा 
कमल सोमानी का प्लान था कि वो अंशुल की जगह एक पुतले को लाश बनाकर श्मशान ले जाएगा और वहां उसका अंतिम संस्कार कर देगा। श्मशान से अंशुल के नाम पर मुर्दे की रसीद उसे मिल जाएगी। इसी रसीद से वो आसानी से अंशुल का डेथ सर्टिफिकेट भी बनवा लेगा और फिर उसी डेथ सर्टिफिकेट को इंश्योरेंस कंपनी में जमा कर वो आसानी से 50 लाख रुपये हासिल कर लेगा। इसके बाद वह अपने दोस्तों के साथ बाजार से तीन पुतले खरीदता है और उन्हीं में से एक को लाश बनाकर श्मशान पहुंच पहुंच जाता है। लेकिन प्लास्टिक के पुतले ने सारा भांडा फोड़ दिया।