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ज्ञानवापी अगर मस्जिद है तो मस्जिद के अंदर त्रिशूल, ज्योतिर्लिंग, देवप्रतिमायें क्या कर रही हैं? दीवारें चिल्ला कर क्या कह रही हैं? सीएम योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी मंदिर मस्जिद विवाद पर दिया बड़ा बयान

If Gyanvaapi is a mosque, then what are the Trishul, Jyotirlinga, deities doing inside the mosque? What are the walls saying by shouting? CM Yogi Adityanath gave a big statement on Gyanvapi temple mo

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बड़ा बयान दिया है।  उन्होंने कहा, ज्ञानवापी को अगर मस्जिद कहेंगे, तो विवाद होगा. सीएम योगी ने पूछा, त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है? हमने तो नहीं रखे. इतना ही नहीं उन्होंने कहा, इस मामले में मुस्लिम पक्ष को आगे आना चाहिए और उन्हें कहना चाहिए कि ऐतिहासिक गलती हुई है, उस गलती के लिए हम चाहते हैं समाधान हो. 

सीएम योगी ANI के पॉडकास्ट में अपनी बात रख रहे थे. इस दौरान ज्ञानवापी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में सीएम योगी ने कहा, ''ज्ञानवापी को अगर मस्जिद कहेंगे, तो विवाद होगा. भगवान ने जिसको दृष्टि दी है, वह देखे न. त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है? हमने तो नहीं रखे. वहां ज्योतिर्लिंग हैं, देवप्रतिमाएं हैं. दीवारें चिल्ला चिल्ला कर क्या कह रही हैं?'' उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से प्रस्ताव आना चाहिए, कि साहब ऐतिहासिक गलती हुई है, उस गलती के लिए हम चाहते हैं समाधान हो.''

सीएम योगी आदित्यनाथ ने ये भी कहा कि  देश संविधान से चलेगा, मत और मजहब से नहीं. देखिए मैं ईश्वर का भक्त हूं, लेकिन किसी पाखंड में विश्वास नहीं करता. आप मत और मजहब अपने तरीके से होगा. अपने घर में होगा. आपके मस्जिद, इबादतगाह तक होगा. सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए नहीं और आपको किसी दूसरे पर नहीं थोप सकते हैं. देश में किसी को रहना है, तो उसे राष्ट्र को सर्वोपरि मानना होगा अपने मत और मजहब को नहीं. 

सीएम योगी ने कहा, मैं 6 साल से ज्यादा समय से यूपी का सीएम हूं. वहां पिछले 6 साल में कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ. बड़ी बड़ी बात करने वाले ये लोग देखें तो कैसे चुनाव होने हैं. यूपी के चुनाव देखिए और पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव हुए, क्या हाल हुआ. वे लोग पश्चिम बंगाल बनाना चाहते हैं देश को. जिस तरह से वहां टीएमसी सरकार ने किया. कुछ लोग सत्ता में आकर जबरन पूरी व्यवस्था को कैद कर देना चाहते हैं. ये पश्चिम बंगाल में देखने को मिला. विरोधी दलों के कार्यकर्ताओं को मारा गया. ये चीजें आंखों को खोलने वाला है. इस पर ये लोग बोलते नहीं हैं. 1990 में कश्मीर में जो कुछ हुआ, ये सब लोग मौन रहे. 

सीएम योगी के इस बयान पर ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. AIMPLB के संस्थापक सदस्य मुहम्मद सुलेमान ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान से बहुत तकलीफ हुई है. सीएम योगी आदित्यनाथ को कानून सम्मत बात कहनी चाहिए. साल 1991 में जो कानून बना सूबे के मुखिया को उसकी रक्षा करनी चाहिए.
बता दें कि ज्ञानवापी सर्वे मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया और कोर्ट तीन अगस्त को फैसला सुनाएगी. कोर्ट में सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था 16 मई 2022 को एडवोकेट कमिश्नर ने सर्वे किया और इस दौरान कई तथ्य सामने आए हैं. जिसमें पिलर पर स्वास्तिक है और हिंदू मंदिर के चिह्न मिले हैं.