हरियाणा: अरावली में दुनिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी का सपना जल्द होगा साकार

चंडीगढ़। हरियाणा के पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि अरावली क्षेत्र में प्रस्तावित जंगल सफारी परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष पहल है, जिसे विश्वस्तरीय आकर्षण के रूप में विकसित किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य न केवल ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देना है, बल्कि जैव विविधता संरक्षण और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना भी है। मंत्री ने सोमवार को चंडीगढ़ में वन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि परियोजना की डिजाइनिंग और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) दो माह में तैयार की जाए। इसके बाद ग्लोबल निविदा प्रक्रिया शुरू कर जल्द कार्य आरंभ किया जाएगा। बैठक में लाइफ साइंस एजुकेशन ट्रस्ट ने परियोजना पर विस्तृत प्रस्तुति दी। इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। राव नरबीर सिंह ने बताया कि अरावली पर्वत श्रृंखला भारत की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है, जो हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली सहित चार राज्यों में फैली हुई है और लगभग 1.15 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करती है। केंद्र सरकार ने हरियाणा को "अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट" और "जंगल सफारी" विकसित करने का दायित्व सौंपा है, जो पर्यावरणीय दृष्टिकोण से एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि पहले यह परियोजना पर्यटन विभाग के अधीन थी, लेकिन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देशानुसार इसे वन विभाग को सौंपा गया है। मंत्री ने बताया कि वे स्वयं नागपुर की गोरेवाड़ा सफारी और गुजरात की वनतारा परियोजना का दौरा कर चुके हैं। हरियाणा सरकार का लक्ष्य है कि इस मेगा प्रोजेक्ट का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से कराया जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि अरावली जंगल सफारी गुरुग्राम और नूंह जिलों के लगभग 10 हजार एकड़ क्षेत्र में प्रस्तावित है। पहले चरण में इसे ढाई हजार एकड़ क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। परियोजना का विकास केंद्रीय जू प्राधिकरण और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के नियमों के अनुसार किया जाएगा। मंत्री ने बताया कि यह एक बड़े निवेश वाली परियोजना होगी और इसके संचालन के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर संभावनाएं तलाशने की योजना है। जिस तरह गुजरात की वनतारा और केवड़िया जू परियोजनाओं ने समझौता ज्ञापन (MoU) किए हैं, उसी तरह हरियाणा में भी जल्द एमओयू प्रक्रिया पूरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि नाइट सफारी के लिए केंद्र सरकार ने गाइडलाइन्स जारी कर दी हैं और इसे भी शामिल करने पर विचार किया जाएगा। अरावली ग्रीन वॉल परियोजना के तहत स्वदेशी प्रजातियों का वनरोपण, मृदा स्वास्थ्य सुधार, भूजल पुनर्भरण और जैव विविधता संरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा। इससे प्रदेश का पर्यावरण और अधिक सशक्त होगा और स्थानीय युवाओं को ‘वन मित्र’ योजना की तरह हरित रोजगार उपलब्ध होंगे। राव नरबीर सिंह ने कहा कि यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से प्रेरित है। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रकृति संरक्षण और पर्यावरण संतुलन पर जोर दिया है। अरावली जंगल सफारी परियोजना न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात होगी। यह प्रदेश को ईको-टूरिज्म मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाएगी और हरियाणा को पर्यावरणीय पर्यटन का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में मजबूत कदम साबित होगी।