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बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में उतरे सोनू निगम से लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय!देशभर के पत्रकार भी पहुंचे थे रियलिटी चेक करने,जब पत्रकारों के भी पर्चे निकले सब रह गए हक्के बक्के!आखिर माजरा है क्या

From Sonu Nigam to Union Minister Giriraj Singh and BJP's National General Secretary Kailash Vijayvargiya, who came out in support of Pandit Dhirendra Krishna Shastri of Bageshwar Dham! Journalists f

मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इनदिनों पूरे भारत मे सुर्खियों में छाए हुए है। पूरे देश की मीडिया तक उनके द्वारा किये जा रहे चमत्कारों को देख कर दंग है। बिना बताए हज़ारों लाखो की भीड़ के मन की बात जानने वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लोग चैलेंज तक करने लगे है,और इसी वजह से वो मीडिया में नम्बर वन पर ट्रेंड करने लगे है।बॉलीवुड सिंगर सोनू निगम से लेकर आज बड़े बड़े नेता भी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में आने लगे है।
दरअसल, बाबा बागेश्वर धाम पर आरोप लगा है कि वो लोगों के बीच अंधविश्वास फैलाते हैं और यह आरोप किसी और ने नहीं, बल्कि ‘अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने लगाया है। उन्होंने बाकायदा पत्र लिखकर धीरेंद्र शास्त्री पर आरोप लगाया है।समिति ने इस सिलसिले में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। यह शिकायत महाराष्ट्र मानव बलिदान और अन्य अमानवीय, बुराई और अघोरी प्रथा अथवा काला जादू रोकथाम और उन्मूलन अधिनियम 2013 के तहत करवाई गई है। दरअसल, इस विवाद की शुरूआत उस दौरान हुई जब कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की नागपुर में आयोजित हुई श्रीराम चरित्र- चर्चा 13 जनवरी की जगह 11 जनवरी को ही खत्म हो गई थी। इस पर अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति का कहना था कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को उनकी समिति की तरफ से चैलेंज दिया गया था कि वह उन लोगों के बीच आएं और अपना दिव्य दरबार लगाएं और वो जो ये दावा करते हैं कि बिना मिले ही लोगों के बारे में सब जान लेते हैं तो उनके बारे में भी बताएं। अगर वह सब सच बता देते हैं तो समिति उन्हें भेंट के रूप में 30 लाख रूपये देगी। समिति के मुताबिक हमारे इस चैलेंज के बाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपना दिव्य चमत्कारी दरबार लगाए बिना ही अपने तय समय से दो दिन पहले ही नागपुर से चले गए। समिति की तरफ से इसी मुद्दे पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का विरोध किया जा रहा है। 

समिति के आरोपों पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने ये कहते हुए पलटवार किया कि उन्होंने उनके गुरु जी के जन्मदिवस के कारण सभी जगहों की कथा से 2-2 दिन कम कर दिए गए हैं। इसी के चलते नागपुर की कथा से भी दो दिन कम किए गए थे। उन्होंने ये भी कहा कि वो नागपुर में पिछले सात दिनों तक लगातार कथा करते रहे और इस बीच दो दिन दिव्य दरबार भी लगाया, लेकिन तब किसी ने कोई चुनौती नहीं दी।
वही अब धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी कूद पड़े हैं. उन्होंने बागेश्वर धाम के संत धीरेंद्र शास्त्री का समर्थन करते हुए कहा कि भारत के सनातन धर्म में महापुरुषों में ऐसा सामर्थ्य होता है, इसलिए बिना जाने आरोप लगाना गलत है. 

बिहार के बेगूसराय में केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत के मनीषियों में सनातन परंपरा है. उसमें कई महानुभाव महापुरुष हुए हैं. जो इस ढंग के चीजों (चमत्कार) को करने का सामर्थ्य रखते हैं. किसी के सामर्थ्य को बिना परखे हुए अंधविश्वास कहना उचित नहीं है।
इनके अलावा भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर आरोप लगाना गलत है. सनातन धर्म में से बहुत सारे सिद्ध लोग हैं. आखिर कोई क्यों नहीं बोलता जावरा (रतलाम जिला) के अंदर कई लोग लोटते फिरते हैं. आज तक किसी ने जावरा की दरगाह पर प्रश्नचिन्ह उठाया है क्या? उनके बारे में कोई बात नहीं करता. जबकि हिंदू महात्माओं लेकर प्रश्नचिन्ह उठाते हैं.

यहां हैरान करने वाली बात ये भी है कि देशभर की मीडिया खुद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दावों की रियलिटी चेक करने उनके दरबार पहुंची और जब बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने उनके भी पर्चे निकाल दिए तो पत्रकार भी हक्के बक्के रह गए। बीते शुक्रवार को दिव्य दरबार सुबह 11 बजे के आस पास शुरू हुआ. गद्दी में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बैठे. इसके बाद अर्जी लगाने का दौर शुरू हो गया. गद्दी में बैठे शास्त्री ने लाखों की भीड़ से श्रद्धालुओं को उनके नाम से बुलाया, लेकिन दिव्य दरबार की असली कहानी की तलाश करने पहुंचा एबीपी न्यूज़ वो हर गुंजाइश तलाशने में लगा था कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कही हर बात सही है या नहीं. दिव्य दरबार में अंतिम अर्जी एबीपी न्यूज के पत्रकार ज्ञानेंद्र तिवारी की लगी. इसके बाद जो हुआ वो अब सोशल मीडिया में वायरल हो गया है.मंच से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि आप पत्रकारों में जिस पत्रकार के चाचा का नाम भृगुनाथ तिवारी हो वो आ जाए. तब एबीपी न्यूज के पत्रकार ज्ञानेंद्र तिवारी ने जवाब दिया. जी हां चाचा भोपाल के हैं और अभी मथुरा में रहते हैं. इसके बाद फिर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पूछा कि क्या तुम्हारे भाई का नाम राघवेंद्र तिवारी है? क्या तुम्हारे भाई ने मकान बनवाया है? इसका जवाब भी सही निकला. दो दिन पहले ही बड़े भाई राघवेंद्र तिवारी ने नए घर में गृहप्रवेश किया है. इसके बाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने ज्ञानेंद्र तिवारी की भतीजी का नाम भी सही बताया. अर्जी का एक और पन्ना जो धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पहले से लिखकर रखा था.
ठीक इसी तरह पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महिला पत्रकार को चैलेंज देते हैं कि यहां पर चार पंडाल बने हुए हैं। आप किसी भी पंडाल में जाकर किसी व्यक्ति को बुला लाएं। पर्चा में लिखी बातें उसी के बारे में होगी। हां, आप इसका जरूर ख्याल रखिएगा वह आपका परिचित नहीं हो। महिला पत्रकार बाबा का चैलेंज स्वीकार कर वहां से आगे बढ़ती है। कुछ दूर आगे जाकर वह भीड़ से एक महिला को बुला लाती है। उस महिला के बारे में धीरेंद्र कृष्ण ने पहले ही सबके सामने पर्चे में लिख दिया था जबकि पत्रकार लाखो की भीड़ में किस को बुलाकर लाएगी ये किसी को नही पता था।पत्रकार महिला और उसके बच्चे को लेकर लेकर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पास पहुंची है। इसके बाद बाबा ने अपनी पर्ची महिला को दी। पर्ची में लिखी बातें महिला के बारे में थी। महिला बिलासपुर में रहती है। अपने बच्चे की बीमारी को लेकर वह आई थी। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि बालाजी की कृपा से 40 फीसदी तक बीमारी ठीक हो जाएगी।

इस तरह के लाइव डेमो एक दो पत्रकार के साथ नही बल्कि कई पत्रकारों के साथ दरबार हुए,इन पत्रकारों की टीम में मुस्लिम भी थे जिनके बारे में भी धीरेंद्र कृष्ण ने सब कुछ बता दिया था इसकी भी वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रही है।
 धीरेंद्र शास्त्री अपने ऊपर लगे तमाम आरोपों को सिरे से खारिज कर चुके हैं। उन्होंने इन आरोपों को बेबुनियादी बताया है। कहा कि हम कोई अंधविश्वास नहीं फैलाते हैं, हम सिर्फ लोगों की समस्याओं का निदान करते हैं और यह सबकुछ हम कर पाते हैं, क्योंकि हमारे ऊपर हनुमान जी की अनुकंपा है। और इसके लिए किसी से भी कोई रुपया पैसा नही लिया जाता।

आपको बता दें कि कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म 15 जुलाई 1996 को छतरपुर के एक छोटे से गांव गड़ा में हुआ था। छोटी सी उम्र में ही वो काफी प्रसिद्ध हो गए थे।उन्होंने अपने दादा पंडित सेतुलाल गर्ग से दीक्षा हासिल की वो भी अपने गांव में दिव्य दरबार लगाया करते थे।शुरुआत में धीरेंद्र ने अपने गांव में दरबार लगाया,
जब अपने गांव में लगने वाले दरबार में सैंकड़ों की जगह लाखों लोग आने लगे तो धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दूसरे शहरों में जाकर दिव्य दरबार लगाना शुरू कर दिया। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के मुताबिक उनके दरबार में आने वाले लोगों से किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जब लोगों के बीच लोकप्रिय होने लगे तो उन्होंने रामकथा करना भी शुरू कर दिया है। वह देश के साथ ही विदेश में भी रामकथा का वाचन करने जाते हैं।धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दिव्य दरबार में सैंकड़ों-हजारों की संख्या में लोग अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं। इन लोगों में से किसी का भी नाम लेकर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने पास बुलाते हैं और उनके बिना बताए ही एक पर्चे पर उस व्यक्ति का नाम, उसका पता और उसकी समस्या समाधान के साथ लिख देते हैं। उनके भक्तों का मानना है कि उन्हें बागेश्वर धाम वाले बालाजी हनुमान की सिद्धी प्राप्त है। जिसके जरिए वो लोगों को उनके बारे में बिना मिले ही सब बता देते हैं। साथ ही उनकी समस्याओं का समाधान भी करते हैं। धीरेंद्र शास्त्री अपने साथ हमेशा हनुमान जी का छोटा गदा भी लेकर चलते हैं और अपने श्रद्धालुओं को हनुमान जी की भक्ति करने के लिए भी प्रेरित करते हैं।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सचमुच चमत्कार करते है या कोई और माजरा है ये अभी तक खुलासा नही हुआ है,हालांकि मीडिया के तमाम पत्रकार जब रियलिटी चेक करने पहुंचे तब वो भी हैरान होकर ही लौटे,एबीपी न्यूज़ चैनल के पत्रकार की पूरी टीम तक हैरान हो गयी। फ़िलहाल ये एक अचंभा ही बना हुआ है।