फैक्ट चैकः 2018 का मामला 2024 में हो रहा वायरल! समाचार पत्र की कटिंग वाले फोटो के साथ छेड़छाड़, धर्म के नाम पर नफरत फैलाने की मंशा? जानें क्या है सच्चाई

‘रेल जिहादः पटरी की फिशप्लेट खोलते पकड़ा गया मुस्लिम युवक’ शीर्षक वाली समाचार पत्र की एक कटिंग सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। हांलाकि ये मामला आज का नहीं, बल्कि 2018 का है, तब भी ये अखबार की कटिंग वाला ये फोटो सोशल मीडिया पर खूब चला था, लेकिन एक बार फिर से इस फोटो को वायरल किया जा रहा है। जब हमने इसकी सच्चाई जाननी चाही तो तथ्य सामने आए वो चौंकाने वाले थे। दरअसल यह तस्वीर ट्विटर और फेसबुक पर 2018 से प्रसारित है। इस तस्वीर को फेसबुक पर हिन्दू अधिवेशन नाम के एक पेज ने 26 जनवरी, 2018 को एक संदेश के साथ पोस्ट किया था। जिसमें लिखा गया था कि ‘लव-जिहाद, लैंड जिहाद, रेप जिहाद के बाद अब रेल जिहाद? गाजियाबादः रेलवे ट्रैक के पटरी की फिश प्लेट खोलते पकडा गया धर्मांध युवक! क्या अब भी आप कहेंगे आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता?। इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर काफी लाइक मिले थे।
एएलटी न्यूज के मुताबिक वायरल समाचारपत्र की तस्वीर को ध्यान से देखने पर इस लेख में अमर उजाला ब्यूरो लिखा हुआ देखा जा सकता है। गूगल पर इस घटना से संबधित की-वर्ड्स से सर्च करने पर उन्हें कुछ मीडिया संगठन द्वारा प्रकाशित लेख मिले, जिससे उन्हें इस घटना से संबधित तारीख और जगह की जानकारियां प्राप्त हुई। सोशल मीडिया में वायरल अमर उजाला समाचार पत्र की कतरन की पड़ताल करने के लिए उन्होंने संबधित तारीख से अमर उजार्ला इ-पेपर के संग्रह को खंगाला और उन्हें 20 जनवरी, 2018 को घटना से संबधित ऑनलाइन प्रकाशित किया गया एक लेख मिला। हालांकि इस लेख का शीर्षक वायरल हो रही तस्वीर के शीर्षक से अलग है। प्रकाशित लेख का शीर्षक ‘किशोरों की सूझबूझ से बचा रेल हादसा’ है और साथ में दोनों तस्वीरों के लेख का उप-शीर्षक भी अलग है। इसके अलावा लेख में बाकि का हिस्सा समान है। वायरल तस्वीर और अमर उजाला द्वारा प्रकाशित लेख की तस्वीर को नीचे एक साथ रखा गया है, जिससे दोनों के बीच की भिन्नता साफ तौर पर देखी जा सकती है।
अमर उजाला के ऑनलाइन संस्करण में बताया गया है कि तीन किशोरों की सूझबूझ से शुक्रवार को बड़ा रेल हादसा होने से बच गया। दिल्ली-.मेरठ रेलवे ट्रैक पर मुरादनगर स्टेशन और गंगनहर के बीच बुलंदशहर निवासी एक युवक ने ट्रैक से फिश प्लेट खोलकर झाड़ियों में फेंक दी। वहां से गुजर रहे तीन किशोरों ने उसे पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। इस घटना को आज तक ने भी 20 जनवरी, 2018 को एक रिपोर्ट में प्रकाशित किया था।
कुल मिलाकर आवाज 24X7 की पड़ताल में ये पता चला कि समाचार पत्र की कटिंग वाले फोटो से छेड़छाड़ की गयी है, ताकि लोगों भ्रमित किया जा सके और धर्म के नाम पर नफरत फैलाई जा सके। बता दें कि आज सोशल मीडिया के दौर में ऐसे कई मामले सामने आते रहते हैं जो एडिट किए हुए होते हैं। हैरानी की बात ये है कि यह मामला 2018 का है और अब एक बार फिर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।