बड़ी खबरः शर्मिष्ठा पनोली को मिली अंतरिम जमानत! कलकत्ता हाईकोर्ट ने देश छोड़ने पर रोक समेत लगाईं ये शर्तें

Big news: Sharmistha Panoli gets interim bail! Calcutta High Court imposed these conditions including a ban on leaving the country

नई दिल्ली। कलकत्ता हाईकोर्ट ने आज गुरूवार को सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को अंतरिम जमानत दे दी है। इस दौरान हाईकोर्ट ने शर्मिष्ठा को अंतरिम जमानत देते हुए कई शर्तें लगाई है। कोर्ट ने शर्मिष्ठा के देश छोड़ने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि शर्मिष्ठा बिना मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अनुमति के देश से बाहर नहीं जा सकतीं। अदालत ने ये भी कहा कि उन्हें 10 हजार रुपये के जमानत राशि जमा करनी होगी। साथ ही कोर्ट ने कोलकाता पुलिस को निर्देश दिया कि शर्मिष्ठा द्वारा गिरफ्तारी से पहले अपनी सुरक्षा को लेकर दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर उचित कार्रवाई की जाए। शर्मिष्ठा ने दावा किया था कि उनके सोशल मीडिया पोस्ट के बाद उन्हें धमकियां मिल रही थीं। बता दें कि शर्मिष्ठा को हाल ही में कलकत्ता पुलिस द्वारा आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने के आरोप में गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया था। 22 वर्षीय लॉ छात्रा शर्मिष्ठा पनोली को कलकत्ता पुलिस ने बीते 30 मई की रात गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था। इसके बाद 31 मई को कोर्ट ने पनोली को 14 दिनों के लिए 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। शर्मिष्ठा पनोली पर एक वीडियो में इस्लाम के अपमान का आरोप लगा था। हालांकि आलोचनाओं के बाद पनोली ने इस वीडियो को हटा दिया था और माफी भी मांगी थी।

इससे पहले हाईकोर्ट ने मंगलवार को शर्मिष्ठा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके वकील से कहा कि वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया और ऐसा सुनने में आया कि इससे एक खास वर्ग की भावनाएं आहत हुई हैं। बेंच ने कहा कि हमें अभिव्यक्ति की पूर्ण स्वतंत्रता है, इसका मतलब ये नहीं है कि आप किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं। अगर सजा 7 साल से कम भी हो, तो भी पुलिस को किसी को भी गिरफ़्तार करने का पूरा अधिकार है। बेंच ने कहा कि अगर कथित अपराध की सज़ा 7 साल से कम है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि पुलिस आपको गिरफ़्तार नहीं कर सकती। भारतीय न्याय संहिता के सेक्शन 35 की कोई भी शर्त पूरी होने पर पुलिस चाहे तो किसी को भी गिरफ़्तार कर सकती है, आपको पहले प्रावधान पढ़ने चाहिए। हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि किसी भी व्यक्ति को ऐसी टिप्पणी करते समय सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि हमारे देश में विभिन्न समुदाय, जाति और धर्म के लोग एक साथ रहते हैं। कोर्ट ने तय किया है कि शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ कोलकाता के गार्डनरीच थाने में दर्ज केस को मुख्य मामला माना जाएगा, क्योंकि यह पहले दर्ज किया गया था। उनके खिलाफ दर्ज अन्य सभी मामलों की कार्यवाही बंद की जाएगी।