दिल्ली सरकार की नई औद्योगिक नीति का ड्राफ्ट तैयार! 30 जुलाई तक जनता दे सकती है सुझाव

दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में स्थित औद्योगिक क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए सरकार की तरफ से बनाई गई नीति लगभग तैयार हो गई है। सरकार ने इस ड्राफ्ट को 30 जुलाई तक जनता और उद्योगों से सुझाव लेने के लिए सार्वजनिक किया है। अधिकारियों के मुताबिक, इस नीति का मकसद नई नौकरियां पैदा करना और दिल्ली को टेक्नोलजी और इनोवेशन का हब बनाना है।
दिल्ली के उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के अनुसार, इस नीति में खासतौर पर एआई, बिग डेटा, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं, बीमा, गेमिंग, एनीमेशन, बायोटेक, आईटी और आईटी आधारित सेवाओं में निवेश बढ़ाने के संबंध में विशेषज्ञों के सुझावों क शामिल किया है। आम जनता चाहे तो अपने सुझाव 30 जुलाई तक दे सकते हैं। इच्छुक व्यक्ति comind@nic.in पर जाकर अपने सुझाव दे सकते हैं। इसके बाद नई औद्योगिक नीति लागू हो जाएगी। यह नीति लागू होने की तारीख से 10 वर्षों तक वैध रहेगी या जब तक कोई नई नीति लागू न हो। उन्होंने बताया कि ड्राफ्ट में कहा गया है, दिल्ली में बड़े कॉरपोरेट ऑफिस स्पेस की कमी के कारण आईटी सेक्टर का विकास धीमा पड़ा है, इसे दूर करने के लिए सरकार बड़े ऑफिस स्पेस, भरोसेमंद बिजली और अच्छी ट्रांसपोर्ट सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में काम करेगी। नीति में यह भी कहा गया है कि पांच साल तक लगातार निवेश करने वाली कंपनियों को उनकी कुल पूंजी लागत का 50 फीसदी तक रिम्बर्स किया जाएगा, जिसकी सीमा 50 करोड़ रुपये प्रति प्रोजेक्ट होगी। इसके अलावा ब्याज पर सब्सिडी, राज्य जीएसटी की वापसी और पेटेंट दाखिल करने में सहायता जैसे प्रावधान भी शामिल किए गए हैं।
दिल्ली सरकार ने 2025 से 2035 तक के लिए जो नई औद्योगिक नीति तैयार की है, उसमें आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई), फिनटेक और बायोटेक जैसे उभरते तकनीकी सेक्टरों को बढ़ावा देने की बात कही गई है। नीति के मसौदे में 400 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड बनाने का प्रस्ताव है, जिससे इन सेक्टरों में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। ड्राफ्ट पॉलिसी में दिल्ली में नीति और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन और अन्य कार्यक्रम आयोजित करने की सिफारिश की गई है। जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली में कुल 32 नियोजित और 27 अनियोजित औद्योगिक क्षेत्र हैं। उधर, नई सरकार बनने के बाद दिल्ली में कला, संस्कृति, फिल्म, संगीत, फैशन डिजाइनिंग, साहित्य आदि में नवाचार के हर आयाम को सशक्त मंच देने के साथ ही लाइव इवेंट्स, मनोरंजन और डेस्टिनेशन वेडिंग के उद्देश्य से दिल्ली सरकार 'ग्लोबल इवेंट हब' की अवधारणा को साकार रूप देने की कवायद के तहत दिल्ली के पर्यटन, कला, संस्कृति और भाषा मंत्री कपिल मिश्रा ने विभागीय अधिकारियों के साथ ही 'इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों' के दिग्गजों के साथ एक उच्चस्तरीय राउंड टेबल मीटिंग की। इस चर्चा का मुख्य उद्देश्य दिल्ली के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के आधार एक सांस्कृतिक और संभावनाओं से भरा हुआ नीतिगत ढांचा तैयार करना था, जिसमें राजधानी दिल्ली को एक 'ग्लोबल इवेंट हब' के रूप में मजबूती से स्थापित की जा सके। बैठक का उद्देश्य दिल्ली को भारत की "ग्लोबल कल्चरल लीडरशिप" के रूप में स्थापित करने के लिए एक ठोस और दूरदर्शी रोडमैप पर चर्चा करना भी था।