धामी सरकार की फिल्म नीति बनी उम्मीद की किरण! महिला सशक्तिकरण की कहानी को मिलेगा नया मंच

Dhami government's film policy becomes a ray of hope! The story of women empowerment will get a new platform

उत्तराखंड की धरती एक बार फिर कला, संस्कृति और सामाजिक संदेशों की गूंज से भर उठी है। हिंदी और उत्तराखंडी भाषा में बन रही बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘दून एक्सप्रेस’ का विधिवत मुहूर्त पूर्व में नवरात्र के शुभ अवसर पर रुद्रपुर स्थित एमिनिटी स्कूल में किया गया। नारियल फोड़कर  फिल्म की शूटिंग का शुभारंभ किया गया। यह फिल्म रुद्रपुर, देहरादून, हरिद्वार ऋषिकेश, हल्द्वानी, भीमताल, भवाली, अल्मोड़ा और बागेश्वर जैसे प्रमुख शहरों में फिल्माई जा रही है, जिससे उत्तराखंड की विविधता, संस्कृति और समाज की गहराइयों को दर्शाया जा सकेगा।

महिला सशक्तिकरण पर आधारित है कहानी
फिल्म के प्रोड्यूसर श्री दीपक पांडे बताते है, कि 'दून एक्सप्रेस' महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित एक प्रेरणादायक फिल्म है, जिसमें एक 10 साल की लड़की के संघर्ष, साहस और आत्मबल की मार्मिक कहानी को चित्रित किया गया है। यह फिल्म दिखाती है कि कैसे एक मासूम उम्र में भी दृढ़ निश्चय और आत्मविश्वास के बल पर कोई लड़की समाज की सोच को बदलने का माद्दा रखती है। इस फिल्म को तैयार कर रहे अधिकतर कलाकार और तकनीकी टीम स्थानीय युवा हैं, जो सीमित संसाधनों के बावजूद फिल्म निर्माण के क्षेत्र में अपना कदम मजबूती से जमा रहे हैं। यह फिल्म उत्तराखंड की प्रतिभा को देश और दुनिया के सामने लाने का एक सकारात्मक प्रयास है।

उत्तराखंड सरकार की नई फिल्म नीति का असर
फिल्म निर्माताओं ने उत्तराखंड सरकार की नई फिल्म नीति की सराहना की, जिसके तहत स्थानीय कलाकारों और निर्माण इकाइयों को प्रोत्साहन मिल रहा है। नई नीति से न केवल शूटिंग के लिए बेहतर वातावरण और सहूलियतें मिल रही हैं, बल्कि स्थानीय संस्कृति को सिनेमा के माध्यम से संरक्षित और प्रसारित करने का मार्ग भी खुला है। ‘दून एक्सप्रेस’ इसी सकारात्मक नीति का सशक्त उदाहरण है।