बड़ी खबरः H-1B वीजा पर ट्रंप के फैसले ने मचाई खलबली! भारतीयों के लिए बड़ी मुसीबत, गरमाई सियासत

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एच-1बी वीजा पर फीस की बढ़ोतरी ने खलबली मचा दी है। इस बीच 21 सितंबर से पहले लोग किसी भी सूरत में अमेरिका पहुंचना चाहते हैं। अगर ये पहुंचने से चूक जाते हैं तो 88 लाख रुपये तक का भुगतान करना पड़ सकता है या फिर नौकरी भी जा सकती है। ट्रंप के इस फैसले के बाद अमेरिकी एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी मच गई। वहीं भारत से अमेरिका के लिए फ्लाइट किराया भी बढ़ चुका है। इधर इस मामले को लेकर भारत में सियासत भी गरमाती हुई नजर आ रही है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दावा किया है कि मोदी एक ‘कमजोर प्रधानमंत्री’ हैं। राहुल गांधी ने जुलाई, 2017 में एक्स (उस वक्त ट्विटर) पर की गई अपनी एक पोस्ट को साझा करते हुए प्रधानमंत्री को निशाने पर लिया। उस पोस्ट में भी राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी पर ‘कमजोर प्रधानमंत्री’ होने का आरोप लगाया था। राहुल गांधी ने शनिवार को दावा किया कि मैं इस बात को दोहराता हूं, भारत के पास एक कमजोर प्रधानमंत्री हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा से जुड़े एक अहम फैसले पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए हैं। इस फैसले के तहत अमेरिका अब एच-1बी वीजा के लिए हर साल एक लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपए) फीस लेगा। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर पोस्ट किया कि नरेंद्र मोदी जी, आपके जन्मदिन पर फोन कॉल के बाद आपको जो जवाबी तोहफा मिला है, उससे भारतीय नागरिकों को दुख हुआ है। यह आपकी ‘अबकी बार, ट्रंप सरकार’ की ओर से जन्मदिन का जवाबी तोहफा है।
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा पर फीस बढ़ाकर 1 लाख डॉलर (करीब 88.10 लाख रुपये) कर दिया है। यह नियम पहली बार या दोबारा अमेरिका में आने वाले सभी कर्मचारियों पर लागू होगा। इसे 21 सितंबर से प्रभावी माना जाएगा। इस डेट के बाद अगर कोई कर्मचारी वापस अमेरिका आता है तो उसकी कंपनी को 88 लाख रुपये का भुगतान करना होगा। ट्रंप के इस फैसले के कारण अमेरिकी हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी मच गई। ऐसी खबरें हैं कि जैसे यह ऐलान हुआ, कई भारतीय तकनीकी एक्सपर्ट विमान से उतर गए। इसके अलावा भारत में फंसे लोगों के लिए अमेरिका जाने वाली सीधी उड़ान की लागत में भारी उछाल आया, क्योंकि एयरलाइंस ट्रंप द्वारा फैलाई गई अराजकता का फायदा उठाने की कोशिश कर रही हैं। ट्रंप के फैसले के बाद कई टेक कंपनियों ने भारत या फिर कहीं अन्य देश गए कर्मचारियों को 24 घंटे में वापस आने के लिए कहा है, जिसमें अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट और जेपी मॉर्गन जैसी कंपनियां शामिल हैं। जो कर्मचारी वर्तमान में विदेश में हैं, उन्हें तुरंत अमेरिका लौटने के लिए कहा गया है। एच-1बी वीजा पाने वालों में लगभग 70 प्रतिशत भारतीय हैं, इसलिए इस कदम का उन पर ज्यादा असर पड़ेगा।