बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना पर अब तक का सबसे बड़ा हमला, बीएलए ने ली जिम्मेदारी

बलूचिस्तान में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है। आजादी की लड़ाई लड़ रहे बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तानी सेना पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है। यह हमला मंड इलाके में माहिर और रुदिग के बीच हुआ, जिसमें 7 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, जबकि 2 गंभीर रूप से घायल हुए हैं। माना जा रहा है कि यह हमला बेहद योजनाबद्ध तरीके से किया गया था। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हमले के दौरान बीएलए के लड़ाकों ने पहले आईईडी धमाका किया और फिर गोलाबारी शुरू कर दी। पाकिस्तानी सेना के वाहनों को निशाना बनाते हुए हमला कई मिनटों तक चलता रहा। सेना को तुरंत इलाके में अतिरिक्त जवान भेजने पड़े और घायलों को नजदीकी सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बीएलए ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए बयान जारी किया है कि यह कार्रवाई “पाकिस्तानी कब्जे और अत्याचारों” के खिलाफ की गई है। संगठन ने चेतावनी दी है कि जब तक बलूचिस्तान को आजादी नहीं मिलती, तब तक ऐसे हमले जारी रहेंगे। इससे पहले भी बलूचिस्तान में कई बार आतंकी हमले हो चुके हैं। कुछ दिन पहले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने सेना के कैंप पर कार बम धमाका किया था, जिसमें 20 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। वहीं 10 अगस्त को मस्तुंग जिले में हुए आईईडी विस्फोट में एक ट्रेन के छह डिब्बे पटरी से उतर गए थे और चार लोग घायल हुए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान सरकार और सेना की नीतियों के कारण बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में अस्थिरता लगातार बढ़ती जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, देशभर में होने वाली कुल आतंकी घटनाओं में से करीब 90 प्रतिशत घटनाएं इन्हीं दो इलाकों में होती हैं। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया है और आतंकियों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है। हालांकि इलाके की भौगोलिक स्थिति और स्थानीय समर्थन के कारण सुरक्षा बलों को आतंकियों तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है। बलूचिस्तान लंबे समय से पाकिस्तान से अलग होने की मांग कर रहा है। यहां के अलगाववादी संगठन अक्सर सेना और सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह हमला पाकिस्तान के लिए एक बड़ा सुरक्षा झटका है, जो यह दर्शाता है कि बलूच विद्रोहियों की ताकत अब पहले से कहीं अधिक बढ़ चुकी है।