Awaaz24x7-government

बड़ी खबरः SIR के काम में बाधा पर सुप्रीम कोर्ट सख्त! कहा- बीएलओ को धमकाने के मामले हमारे संज्ञान में लाएं, हम आदेश पारित करेंगे

Big news: The Supreme Court is strict on obstruction of SIR work! They say, "Bring to our attention any cases of intimidation of BLOs, and we will pass an order."

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज मंगलवार को एसआईआर मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में बीएलओ को धमकाने व एसआईआर कार्य में बाधा उत्पन्न करने के मामले को गंभीरता से लिया। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा सहयोग न करने को गंभीरता से लेने को कहा। कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि सहयोग की कमी और बीएलओ को धमकाने के मामले उनके संज्ञान में लाएं, वह आदेश पारित करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ राज्य सरकारों द्वारा एसआईआर में सहयोग न करने पर चुनाव आयोग से कहा कि स्थिति से निपटें अन्यथा अराजकता फैल जाएगी।

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची की पीठ ने चुनाव आयोग से कहा कि वह एसआईआर के काम में अलग-अलग राज्य सरकारों की तरफ से सहयोग की कमी को गंभीरता से लें। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि अगर हालात और बिगड़ते हैं तो पुलिस को तैनात करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि उनके पास सभी सांविधानिक शक्तियां हैं, जिससे हम बीएलओ और अन्य अधिकारियों को धमकाने की घटनाओं से डील कर सकते हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा चुनाव पैनल चुनाव प्रक्रिया शुरू होने तक पुलिस को अपने अधिकार क्षेत्र में नहीं ले सकता। इससे निपटें वरना इन हालातों से अराजकता हो सकती है।  चुनाव आयोग की तरफ से अदालत में पेश वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में तनाव के कारण बीएलओ के आत्महत्या करने का कोई सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि उन्हें 30-35 वोटरों के छह-सात घरों की गिनती का काम करना होता है। इस पर जस्टिस बागची ने कहा कि यह डेस्क का काम नहीं है और बीएलओ को घर-घर जाकर गिनती का फॉर्म भरना होता है और फिर उसे अपलोड करना होता है। जस्टिस बागची ने कहा कि यह उतना आसान नहीं है जितना दिखता है।