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दबाव स्वीकार नहीं करूंगी,वीडियो भी डिलीट नहीं करूंगी!DU की छात्रा का वीडियो वायरल, प्रोफेसर और HOD पर लगाए गंभीर आरोप ,निष्पक्ष जांच की मांग

I will not succumb to pressure, nor will I delete the video! DU student's video goes viral, makes serious allegations against professor and HOD, demands impartial investigation.

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की एक छात्रा ने अपने विभाग के एक प्रोफेसर पर उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्रा द्वारा रिकॉर्ड किया गया एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे समाजवादी पार्टी ने भी अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर साझा किया है। इसके बाद मामला सार्वजनिक चर्चा में आ गया है।

 

वीडियो में छात्रा आरोप लगाती दिखाई दे रही है कि न केवल संबंधित प्रोफेसर, बल्कि विभागाध्यक्ष (एचओडी) ने भी उस पर दबाव बनाया। छात्रा का दावा है कि एचओडी ने उसे प्रोफेसर के कमरे में जाने के लिए मजबूर करने की कोशिश की और ऐसा न करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई। वीडियो में छात्रा यह कहते हुए सुनाई देती है कि उससे कहा गया—“तुम इस विश्वविद्यालय का बहुत छोटा सा हिस्सा हो, तुम्हारा बहुत कुछ बिगाड़ा जा सकता है।”

छात्रा का कहना है कि वह अपनी मेहनत और योग्यता के बल पर यहां तक पहुंची है और किसी भी तरह के अनुचित दबाव या भय को स्वीकार नहीं करेगी। उसने यह भी आरोप लगाया कि कुछ छात्रों ने अंक हासिल करने के उद्देश्य से उसके खिलाफ गलत और भ्रामक बातें फैलाईं, जिससे उसकी छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया।

छात्रा के अनुसार, उसे लगातार वीडियो को डिलीट करने का दबाव भी बनाया जा रहा है। उसने बताया कि उसने संबंधित प्रोफेसर को लेकर एक रील इंस्टाग्राम पर साझा की थी। जैसे ही इस रील की जानकारी विभागाध्यक्ष को हुई, उसे हटाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया गया। हालांकि, छात्रा ने रील डिलीट करने से स्पष्ट इनकार कर दिया है।

इस पूरे मामले पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने प्रतिक्रिया देते हुए निष्पक्ष, पारदर्शी और स्वतंत्र जांच की मांग की है। एबीवीपी का कहना है कि पूरे प्रकरण की तथ्यात्मक जांच होनी चाहिए, ताकि सच्चाई सामने आ सके और संबंधित छात्रा को न्याय मिल सके।

फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, जबकि सोशल मीडिया पर यह मुद्दा लगातार चर्चा और बहस का विषय बना हुआ है।