बड़ी खबरः इंडिगो मामले में दिल्ली हाईकोर्ट सख्त! केन्द्र से पूछा- हालात कैसे खराब हुए, पांच हजार का टिकट 39 हजार का कैसे होने दिया?
नई दिल्ली। इंडिगो मामले में आज बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह एक संकट है। हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा कि स्थिति इतनी खराब क्यों हुई? कहा कि इस दौरान फंसे हुए यात्रियों को परेशानी के अलावा, सवाल अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान का भी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछा कि दूसरी एयरलाइंस इस स्थिति का फायदा कैसे उठा सकती हैं, टिकट के लिए भारी रकम कैसे ले सकती हैं। दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच ने सरकार से पूछा कि एयरपोर्ट पर फंसे हुए यात्रियों को मैनेज करने और परेशानी रोकने के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, यात्रियों को मुआवजा देने के लिए क्या कार्रवाई की गई है? आप यह कैसे पक्का कर रहे हैं कि एयरलाइन स्टाफ जिम्मेदारी से पेश आए? वहीं एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कोर्ट को बताया कि केंद्र लंबे समय से एफडीटीएल को लागू करने का लक्ष्य बना रहा थाए लेकिन एयरलाइन ने सिंगल जज के सामने जुलाई और नवंबर के फेज के लिए एक्सटेंशन मांगा था। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब मिनिस्ट्री ने दखल दिया है।
हमने किराए की लिमिट तय कर दी है, यह लिमिट अपने आप में एक सख्त रेगुलेटरी एक्शन है। सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने इस संकट की वजह से फ्लाइट्स के किराये में हुए इजाफे को लेकर भी सरकार से सवाल किए। हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि अगर कोई संकट होता, तो दूसरी एयरलाइंंस को फायदा उठाने की इजाजात कैसे दी जा सकती है? किराया ₹35,000-39,000 तक कैसे पहुंच सकता है? दूसरी एयरलाइंस इतनी रकम कैसे चार्ज करना शुरू कर सकती हैं? ऐसा कैसे हो सकता है। इसके जवाब में एएसजी चेतन शर्मा ने संबंधित डॉक्यूमेंट्स का हवाला देते हुए कहा कि कानूनी सिस्टम पूरी तरह से लागू है। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट को भरोसा दिलाया कि एक पूरा फ्रेमवर्क मौजूद है और सरकार ने तेजी से और मजबूती से जवाब दिया है, खासकर सीनियर सिटिज़न्स और मेडिकली कमजोर हवाई यात्रियों की सुरक्षा के लिए।