Big Breaking: इंडिगो एयरलाइन का परिचालन संकट! 600 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल, दिल्ली एयरपोर्ट से सभी घरेलू उड़ानें रद्द! राहुल गांधी ने सरकार को घेरा
नई दिल्ली। इंडिगो एयरलाइंस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आज शुक्रवार को मुंबई-दिल्ली समेत देश के कई हवाई अड्डों पर इंडिगो की फ्लाइट कैंसिलेशन का संकट और गहरा गया। सैकड़ों यात्री घंटों से टर्मिनल पर फंसे हैं। किसी की कनेक्टिंग फ्लाइट छूट गई, तो कोई अपने बच्चे के स्कूल प्रोग्राम से चूक गया। हालात यह हैं कि इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बाद दूसरी एयरलाइंस ने टिकटों के दाम कई गुना बढ़ा दिए हैं। जो टिकट 5-6 हजार में मिल रहा था, वह अब 30-40 हजार रुपये तक पहुंच चुका है। इस बीच एयरलाइन ने माना है कि वे क्रू की समस्या का अंदाजा नहीं लगा सके और योजना बनाने के स्तर पर उनसे गलती हुई। अब एयरलाइन ने सरकार से 10 फरवरी तक नियमों में छूट देने की मोहलत मांगी है। इधर इंडिगो की पंक्चुअलिटी में भारी गिरावट दर्ज की गई, क्योंकि देश के छह प्रमुख मेट्रो हवाई अड्डों पर इसकी ऑन.टाइम परफॉर्मेंस केवल 8.5 प्रतिशत रही। यह आंकड़ा नागरिक उड्डयन मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार सामने आया है, जो एयरलाइन की गंभीर परिचालन चुनौतियों को दर्शाता है। एक बयान में इंडिगो ने कहा कि पिछले दो दिनों में उसका नेटवर्क काफ़ी बाधित रहा और उसने कस्टमर्स से माफ़ी मांगी। एयरलाइन ने डीजीसीए को बताया है कि 8 दिसंबर से फ़्लाइट्स में देरी नहीं होगी और उम्मीद है कि स्टेबल ऑपरेशन्स 10 फ़रवरी तक ही पूरी तरह से ठीक हो पाएंगे। एयरलाइन ने माना कि एफडीटीएल नॉर्म्स के दूसरे फ़ेज़ को लागू करने में गलत फ़ैसले और प्लानिंग में कमियों की वजह से बड़े पैमाने पर रुकावटें आईं।
इधर इंडिगो परिचालन संकट को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। एक ताजा सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने लिखा, इंडिगो की विफलता इस सरकार के एकाधिकार मॉडल की कीमत है। एक बार फिर आम भारतीयों को देरी, उड़ानों के रद्द होने और असहाय महसूस करने के रूप में इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत हर क्षेत्र में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का हकदार है, न कि मैच फिक्सिंग वाला एकाधिकार।