जात-पात के छूआछूत ने ली युवक की जान

ऐसा ही एक मामला था पंजाब के संगरूर के चगालीवाला गांव का जहां चार ऊंची जाति के युवकों ने नीची जाति के जगमेल सिंह को बेरहमी के साथ मौत के घाट उतार दिया।मामला 21 अक्टूबर को शुरू हुआ था और खत्म 16 नवंबर को जगमेल की मौत के साथ हुआ।दरअसल उन चार युवकों के साथ जगमेल का कुछ विवाद चल रहा था, 21 अक्टूबर के दिन सभी लोगो की मौजूदगी में पंचों ने मिलकर मामले को निबटा भी दिया था पर उन चारों युवकों के दिमाग में तो कुछ और ही चल रहा था, 7 नवंबर के दिन जगमेल पंच के घर बैठा हुआ था कि तभी वहां वो चारों युवक रिंकू, गोली, बिट्टा, और लक्की पहुंच गए और ज़बरन जगमेल को वहाँ से उठा ले गए, जिसके बाद उन चारों ने जगमेल को खम्बे से बांधकर बेतहाशा पीटा, इतना ही नहीं जगमेल की जांघो के मांस को प्लास से भी नोच नोच कर खींच डाला, इतना सहने के बाद जगमेल बेहोश हो गया तो उसके पैरों के नाखूनों को भी उखाड़ कर उसे फिर होश में लाया गया और जब जगमेल ने होश में आने पर पानी मांगा तो उन चारों युवकों ने उसे पेशाब पिला दी, जगमेल के दोस्त को इस बात की खबर मिली तो वो भाग कर जगमेल को उन दरिन्दों के चंगुल से छुड़ा तो लाया और चंडीगढ़ के पीजीआई में भर्ती भी करा दिया पर इतने ज़ख्म मिलने के बाद ज़िन्दगी और मौत के बीच जंग लड़ते लड़ते 9 दिन बाद 16 नवंबर को जगमेल ने दम तोड़ दिया।
मिली जानकारी के अनुसार जगमेल के शरीर पर ज़ख्म इतने ज़्यादा थे कि इंफेक्शन पूरे शरीर में फैल जा रहा था, जगमेल की जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने उसके दोनों पैर भी काट दिए पर उसे बचा न पाए। इस पूरे मामले को एससी- एसटी एक्ट के अंतर्गत दर्ज जिया गया है।क्योंकि जगमेल के परिवार के अनुसार जगमेल दलित था और चारों आरोपियों की जगमेल से आये दिन जात पात को लेकर लड़ाई भी होती थी।