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ये कैसा फरमानः यूट्यूब पर 50 हजार सब्सक्राइबर्स हैं तो, तभी कर पाएंगे पत्रकारिता! यहां जिला सूचना अधिकारी के कथित आदेश से मचा बवाल, लोग बोले- ये कौन सा नियम-कानून है...

What kind of decree is this: You can only practice journalism if you have 50,000 subscribers on YouTube! Here, an alleged order from the District Information Officer sparked an uproar, with people qu

फिरोजाबाद। यूपी के फिरोजाबाद में पत्रकारिता को लेकर एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक कथित आदेश ने मीडिया जगत में हलचल मचा दी है। सोशल मीडिया पर वायरल एक व्हाट्सएप स्क्रीनशॉट के अनुसार जिला सूचना अधिकारी (डीआईओ) ने कथित फरमान जारी किया कि ‘‘समस्त इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के पत्रकार बंधुओं को सूचित किया जाता है, कि कोई भी ऐसा व्यक्ति जो यूट्यूब के द्वारा जनपद में पत्रकारिता कर रहा है और जिसका सब्सक्रिप्शन 50000 से नीचे है, अगर वह जनपद में पत्रकारिता करते हुए पाया गया तो उस पर प्रेस एक्ट अधिनियम के तहत कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।’’ इस स्क्रीनशॉट के वायरल होते ही यूजर्स की मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ लोगों ने इसे ‘सरकारी तानाशाही’ बताया तो कुछ ने इसे ‘फेक स्क्रीनशॉट’ कहकर खारिज किया। इस कथित स्क्रीनशॉट के वायरल होने के बाद इसे लेकर आम यूजर्स की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। खबरों के मुताबिक कि इस आदेश की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, पत्रकार संगठनों का कहना है कि यदि ऐसा कोई नियम लागू होता है तो यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर बड़ा हमला होगा। एक्स पर एक यूजर ने लिखा है कि ये कौन सा नियम-कानून है मतलब 50,000 सब्सक्राइबर तय करेगा कौन पत्रकार और कौन यूट्यूबर। ऐसे तो ना जाने कितने यूट्यूबर हैं जिनको पत्रकारिता का प भी नहीं मालूम और मिलियन में सब्सक्राइबर है।