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ट्रेन में हलाल सर्टिफाइड चाय देने की वीडियो हुई वायरल! सावन में ऐसी चाय देने पर यात्री ने की नाराजगी व्यक्त! लिंक में पढ़िए आखिर क्या होता है हलाल सर्टिफाइड?

Video of serving Halal certified tea in train goes viral! The passenger expressed his displeasure on being given such tea in Sawan! Read in the link What is Halal Certified?

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें ट्रेन में सफर करते समय एक शख्स चाय प्रीमिक्स को लेकर हंगामा करते दिख रहा है। दरअसल इस चाय पर 'हलाल सर्टिफाइड' लिखा है। यात्री को ट्रेन स्टाफ ये समझाने की कोशिश कर रहा है कि चाय शाकाहारी है। लेकिन यात्री उससे बहस और गुस्सा करता दिख रहा है। वायरल वीडियो में यात्री रेलवे कर्मचारियों से सवाल कर रहा है कि हलाल सर्टिफाइड चाय का क्या मतलब है और इसे सावन महीने में क्यों परोसा जा रहा है? 

आपको बता दें कि हलाल एक अरबी शब्द है। आवाज़24x7 डेस्क से जब इसका मतलब सर्च किया गया तो पाया गया कि इसका अर्थ 'permissible' यानी 'जायज' या उचित होता है। रेख्ता डिक्शनरी का अनुसार 'जो इस्लामी धर्म-शास्त्र के अनुसार उचित हो अथवा उसके द्वारा अनुमोदित हो, जो हराम न हो, जिस पर प्रतिबंध न हो यानी जाएज़ हो उसे हलाल कहा जाता है। हलाल शब्द 'हराम' शब्द का विलोम है, जिसका अर्थ होता है अवैध। हलाल न केवल खाने के लिए जानवरों के वध पर लागू होता है बल्कि इस्लामी मान्यताओं के अनुसार निर्माण की प्रक्रिया पर भी लागू होता है।

अब बात करते हैं हलाल सर्टिफाइड की जिस पर सोशल मीडिया में खूब बहस छिड़ी हुई है।


दरअसल वायरल वीडियो में विवाद 'हलाल सर्टिफाइड' शब्द को लेकर ही छिड़ा है। हलाल सर्टिफाइड का मतलब है कि खाने वाला प्रोडेक्ट शुद्ध है और इस्लामी कानून के अनुरूप तैयार किया गया है। उस प्रोडेक्ट को हलाल सर्टिफाइड नहीं माना जा सकता है जिसमें हराम सामग्री शामिल है, जैसे प्रोडेक्ट में मरे हुए जानवर या पशु का कोई हिस्सा। भारत में सरकारी संस्था ऐसा कोई सर्टिफिकेशन जारी नहीं करती। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, भारत में जमीयत-उलमा-ए-महाराष्ट्र और जमीयत-उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट के रूप में जाने वाले दो महत्वपूर्ण संगठन थे। अरब देशों के जहां एक मजिस्ट्रेट हलाल सर्टिफिकेशन देता है, भारत में कोई कानूनी ऑथोरिटी नहीं है जो ये जारी करती है। हालांकि जो चाय ट्रेन में हलाल सर्टिफाइड लिखी हुई दी जा रही है उसको लेकर कोई भी अधिकारिक बयान फ़िलहाल सामने नही आया है कि उसमे किसी भी तरह का मांस या ऐसा कुछ मिला हुआ है या नही जो हिंदू धर्म मे सावन के महीने में न खाया जा सके।