उत्तराखंड/डीडीहाट: ऊँचाकोट गांव के दीपक पाल ने सैन्य अधिकारी बनकर किया गांव का नाम ऊंचा!पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई

Uttarakhand/Didhat: Deepak Pal of Unchakot village raised the name of the village by becoming a military officer! A wave of happiness ran in the entire village.

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्थित आईएमए IMA में शनिवार 10 जून की सुबह अलग नजारा दिखाई दिया,यहां 2023 की पासिंग आउट परेड संपन्न हुई।इस परेड से भारत को 331 जांबाज सैन्य अफसर मिले। इन्ही अफसरों में उत्तराखंड के डीडीहाट के ग्राम ऊँचकोट पेड़ा असकोट के दीपक पाल भी सैन्य अधिकारी बन अब देश की सेवा करने जा रहे है। उनकी पहली पोस्टिंग गुवाहाटी में हुई है। 
दीपक अपने परिवार की चौथी पीढ़ी है जिन्होंने बेरोजगारी की चेन को तोड़ते हुए ये मुकाम हासिल किया है।


दीपक की प्रारंभिक शिक्षा चिल्ड्रन पैराडाइज पब्लिक स्कूल असकोट से प्राप्त की। इसके बाद जवाहर नवोदय विद्यालय से दीपक ने बारहवीं किया। इसके बाद राज्य स्तरीय एक परीक्षा में दीपक ने सुपर थर्टी में शामिल होकर नया मुकाम हासिल किया इस उपलब्धि से दीपक को देहरादून में कोचिंग करने का मौका मिला। सुपर थर्टी में शामिल होने के बाद दीपक ने सेना में जाने का दृढ़ निश्चय किया और उन्होंने पुणे से इसके लिए बाकायदा तीन साल कोचिंग भी की। कोचिंग के दौरान ही उनके पिता चित्रपाल का देहांत हो गया। दीपक मध्यम वर्गीय परिवार से है इसीलिए उनके घरवालो की उम्मीद भी दीपक पर ही टिकी थी। पुणे से कोचिंग करने के बाद दीपक देहरादून IMA पहुंचे और आज दीपक पीओपी से एक सैन्य अधिकारी बनकर निकले हैं। 
उनकी इस उपलब्धि से उनकी माता पार्वती पाल और उनकी बहने बहुत खुश है। दीपक की इस उपलब्धि पर गांववासियों में भी खुशी लहर दौड़ गयी है। दीपक ऊँचाकोट गांव से पहले अधिकारी बने है। ग्रामीणों ने दीपक की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई देते हुए कहा कि दीपक ने ऊँचाकोट के सभी ग्रामीणों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है