उत्तराखण्डः बड़े भूकंप का खतरा! वैज्ञानिकों ने जताई आशंका, जानें क्या कहते हैं वैज्ञानिक?

देहरादून। हिमालय क्षेत्र विशेषकर उत्तराखंड में बड़ा भूकंप आने का अंदेशा है। यह आशंका देश के दिग्गज भू वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में जताई है। उनका कहना है कि हिमालयी क्षेत्र में टेक्टॉनिक प्लेटों के घर्षण की वजह से ऊर्जा एकत्र हो रही है, जिसकी आहट राज्य और आसपास आ रहे भूकंप के छोटे झटकों से मिल रही है। भूकंप के संबंध में तीन चीजें महत्वपूर्ण होती हैं, कब, कहां और कितना बड़ा भूकंप आएगा? हालांकि भूकंप कहां आ सकता है? इसका अंदाजा लगाया जा सकता है, लेकिन कब और कितना बड़ा आएगा? इसका अनुमान लगाना संभव नहीं है। इसके लिए उत्तराखंड में दो जीपीएस लगाए गए हैं। जिनसे पता किया जाएगा कि किस क्षेत्र में सबसे अधिक एनर्जी एकत्र हो रही है, लेकिन सटीक जानकारी के लिए इनकी संख्या बढ़ाने की जरूरत है। वहीं इस विषय पर बात करते हुए वाडिया इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिक डॉक्टर नरेश कुमार ने कहा कि स्वाभिक तौर पर भूकंप की संभावना ज्यादातर हिमालय क्षेत्र में आने की है, लेकिन इसका अनुमान लगाना बेहद मुश्किल है की ये भूकंप कब और कहां आएगा।
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 6 महीने में प्रदेश में 22 बार 1.8 से लेकर 3.6 तीव्रता तक के भूकंप आए हैं। जिनके झटके सर्वाधिक चमोली, पिथौरागढ़ उत्तरकाशी और बागेश्वर में महसूस हुए हैं। उत्तराखंड संवेदनशीलता के लिहाज से जोन 4 व 5 में है। यहां 1991 में उत्तरकाशी में 7.0 व चमोली में 1999 में 6.8 तीव्रता के भूकंप आए थे, तब से कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है। जिससे वैज्ञानिक जल्द बड़े भूकंप की आशंका जता रहे हैं। वाडिया इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ.विनीत गहलोत ने इसकी वजह उत्तराखंड में भूगर्भीय प्लेटों की गति लॉक्ड होना बताया है।