नैनीताल जिला पंचायत चुनाव: हाईकोर्ट के आदेश पर काउंटिंग के दौरान की गई वीडियोग्राफी की जांच के लिए किए गए इंतेज़ाम! कड़ी सुरक्षा के बीच डीएम कार्यालय में प्रक्रिया शुरू

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर नैनीताल जिला पंचायत चुनाव मामले में काउंटिंग के दौरान की गई वीडियोग्राफी देखने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय में सरकारी वकील और कांग्रेस के लोग पहुंचे हैं। इस दौरान जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर कड़ी सुरक्षा के इंतेज़ाम किए गए हैं। नैनीताल हाईकोर्ट के निर्देश पर महाधिवक्ता निरीक्षक के लिए तीन सरकारी वकील नामांकित करेंगे, जबकि याची के अधिवक्ता ने इसके लिए वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस पाटनी, अवतार सिंह रावत और त्रिभुवन फर्तयाल के नाम दिए हैं। कोर्ट ने डीएम वंदना सिंह और एसपी जगदीश चंद्रा को वीडियो रिकॉर्डिंग के अवलोकन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था करने और निर्धारित लोगों के अलावा कक्ष में किसी और को न आने देने की हिदायत दी। मामले के मुताबिक याची की ओर से कैमरा ऑफ करने, मतपत्र में 1 को 2 बना देने, प्रत्याशी को मतगणना स्थल पहुंचने की जानकारी देर से देने के आरोप लगाए गए थे। याची ने यहां तक कहा कि उसके हल्द्वानी स्थित आवास के बाहर रात्रि 2.23 बजे नोटिस लगाकर इससे भी पहले के समय 1:30 बजे उपस्थित होने को कहा गया था।। बतौर रिटर्निंग ऑफिसर जिलाधिकारी वंदना सिंह ने ऑनलाइन उपस्थित होकर बताया कि सभी प्रत्याशियों और उनके एजेंट्स को काउंटिंग से बहुत पहले फोन और व्हाट्सप्प से सूचना दे दी गई थी जो उन्होंने देख भी ली थी। डीएम ने बताया कि वोट इनवैलिड होने की वजह यह थी कि मतदाता की ओर से प्रत्याशियों को पहली प्राथमिकता का वोट(1) देना आवश्यक होता है। केवल दूसरी प्राथमिकता नहीं दी जा सकती जबकि संबंधित प्रकरण में पहली प्राथमिकता के बजाए केवल दूसरी प्राथमिकता का वोट दिया गया था जबकि एक मतपत्र ब्लैंक था। उन्होंने कहा कि सभी प्रत्याशियों को दो बार बैलेट के निरीक्षण का अवसर दिया गया लेकिन दूसरी प्रत्याशी निरीक्षण को नहीं पंहुची, जबकि तब उनके पास आपत्ति करने का भी मौका होता और रीकाउंटिंग भी हो सकती थी लेकिन तब कोई आपत्ति नहीं की गई।
उन्होंने कहा की सारी प्रक्रिया सीसीटीवी के अलावा वीडियोग्राफी से भी स्वतंत्र पर्यवेक्षक की मौजूदगी में रिकॉर्ड की गई है। आवश्यकता होने पर कोर्ट में भी रिकॉर्ड दिया जा सकता है।