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उत्तराखण्डः शीतकाल के लिए बंद हुए बदरी विशाल के कपाट! पांच हजार श्रद्धालु बने साक्षी, धाम की छटा देख हुए मंत्रमुग्ध

Uttarakhand: The doors of Badri Vishal are closed for the winter season! Five thousand devotees witnessed the grandeur of the shrine, mesmerized by its splendor.

चमोली। बदरीनाथ धाम के कपाट आज मंगलवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। दोपहर करीब 2ः56 बजे विधि-विधान से बंद कर दिए गए। इस दौरान करीब 5 हजार श्रद्धालु इन पलों के साक्षी बने। वहीं इस मौके पर बदरी विशाल के दरबार को फूलों से सजाया गया था, जिससे धाम की छटा देखते ही बन रही थी। इस दौरान श्रद्धालुओं की उपस्थिति में रावल अमरनाथ नंबूदरी ने परंपरागत रीति से कपाट बंद किए। इस मौके पर सेना के बैंड की धुन और भगवान बदरी विशाल के जयकारों से धाम गूंज उठा। परंपरा के अनुसार उद्धव और कुबेर की प्रतिमाओं को गर्भगृह से बाहर लाया गया, जबकि देवी लक्ष्मी को गर्भगृह में विराजमान किया गया। भगवान बदरी विशाल को माणा महिला मंगल दल की ओर से तैयार घृत कंबल ओढ़ाया गया। शीतकालीन प्रवास के दौरान भक्त अब भगवान बदरीनाथ के दर्शन पांडुकेश्वर स्थित योगध्यान बदरी में कर सकेंगे। इसके साथ ही भगवान बदरी विशाल की स्वयंभू मूर्ति, भगवान उद्धव और कुबेर जी मूर्ति अपने शीतकालीन प्रवास स्थल की ओर रवाना हो गई है। बता दें कि इस बार करीब 16 लाख 60 हजार श्रद्धालुओं ने किए भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया। अब शीतकाल में भगवान बदरी विशाल की पूजा का दायित्व निर्वाहन देवताओं के पास रहेगा। देव ऋषि नारद बदरीनाथ की नित्य दैनिक पूजाएं करेंगे।