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उत्तराखंडः अवैध अतिक्रमण पर हाईकोर्ट सख्त! बिना नोटिस तोड़फोड़ पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन का मामला, चीफ सेक्रेटरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से किया तलब

Uttarakhand: High Court cracks down on illegal encroachment! Chief Secretary summoned via video conference for violating Supreme Court order on demolition without notice

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वन विभाग, राजकीय राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग, वन भूमि व राजस्व भूमि पर हुए अवैध अतिक्रमण के खिलाफ स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की। बता दें कि खण्डपीठ ने राज्य सरकार से पूर्व में दिए गए आदेशों में निर्देशित किया था कि जिला स्तरीय कमेटी बनाई जाए और कमेटी चिन्हित अतिक्रमण कार्यों की सुनाई करें। वहीं आज कोर्ट को अवगत कराया कि बिना सुनवाई और बिना नोटिस के अतिक्रमण को तोड़ा जा रहा है जो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है, जिसपर कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में उपस्थित होकर कोर्ट को अवगत कराने को कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के डायरेक्शन को कैसे इंप्लीमेंट करेंगे। मामले की अगली सुनवाई लिए एक सप्ताह बाद की तिथि नियत की गई है। बता दें कि दिल्ली निवासी एक व्यक्ति ने न्यायाधीश को पत्र भेजकर कहा है कि नैनीताल के पदमपुरी में वन विभाग की भूमि व रोड के किनारे कुछ लोगों ने सम्बंधित अधिकारियों की मिलीभगत से अतिक्रमण किया है। जिसकी वजह से लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लिहाजा इसे हटाया जाए। कोर्ट ने इस पत्र का संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की थी, साथ में कोर्ट ने जनहित याचिका का क्षेत्र को विस्तृत करते हुए पूरे प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग, राजकीय राजमार्ग, वन भूमि व राजस्व भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश सभी जिला अधिकारी व डीएफओ को देकर रिपोर्ट पेश करने को कहा था।