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उत्तराखंड हाईकोर्ट न्यूज़:मदरसा स्कूल एक्ट को चुनौती,राज्य सरकार को नोटिस जारी,30 दिसंबर तक जवाब तलब

Uttarakhand High Court News: Madrasa School Act challenged, notice issued to the state government, reply sought by December 30.

नैनीताल।

 उत्तराखंड हाईकोर्ट में राज्य सरकार द्वारा मदरसा एवं स्कूल शिक्षा को लेकर बनाए गए अधिनियम के मानकों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए 30 दिसंबर तक अपना जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई के लिए न्यायालय ने 30 दिसंबर की तिथि निर्धारित की है।

याचिका में बताया गया कि केबीएन सोसाइटी, उधम सिंह नगर जनपद में वर्ष 2006 से मदरसों का संचालन कर रही है। ये मदरसे धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा भी प्रदान करते हैं और राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा अधिनियम 2025 के अंतर्गत मदरसा शिक्षा और स्कूली शिक्षा को मिश्रित करते हुए नए मानक निर्धारित किए गए हैं, जो पारंपरिक मदरसों पर भी लागू किए जा रहे हैं।

याचिका के अनुसार, निर्धारित समय-सीमा में इन मदरसों के लिए स्कूली शिक्षा के सभी मानकों को पूरा कर पाना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। यदि इन मानकों को अनिवार्य रूप से लागू किया गया तो आगामी शैक्षणिक सत्र में ये मदरसे बंद होने की स्थिति में पहुंच सकते हैं। इससे करीब 550 छात्र-छात्राओं की शिक्षा प्रभावित होगी और उनका भविष्य अधर में लटक जाएगा।

याचिका में यह भी तर्क दिया गया कि यह व्यवस्था भारत के संविधान के अनुच्छेद 30 का उल्लंघन है। अनुच्छेद 30 के तहत भाषाई और धार्मिक अल्पसंख्यकों को अपनी पसंद के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना एवं प्रशासन का मौलिक अधिकार प्राप्त है। इसी आधार पर याचिकाकर्ता ने अदालत से हस्तक्षेप की मांग की है। हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है और अगली सुनवाई 30 दिसंबर को होगी।