उत्तराखण्डः जंगल छोड़ रहे जानवर! पर्यावरण विदों ने जताई चिंता, बताई बड़ी वजह

रुद्रपुर। उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र हो या मैदानी, सभी जगह बंदर, लंगूर जैसे जानवर जंगलों को छोड़कर शहरी क्षेत्रों में आ रहे हैं। दरअसल इसकी एक बड़ी वजह लोगों द्वारा इन जानवरों को चिप्स, कुरकुरे, मैगी खिलाकर उनकी आदत खराब करना है। इसी वजह से कई बार यह जानवर खाना ना मिलने के कारण हिंसक भी हो जाते हैं। उत्तराखंड के जंगलों में पाए जाने वाले बंदर, लंगूर अब जंगलों को छोड़कर आबादी वाले क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं। इतना ही नहीं नैनीताल जाने के लिए जिस टांडा जंगल से गुजरना पड़ता है, उस जंगल की सड़कों पर बड़ी संख्या में बंदर और लंगूर डेरा जमाए रहते हैं। दरअसल, इसकी वजह नैनीताल और पहाड़ों पर जाने वाले पर्यटकों द्वारा दिए जाने वाला खाद्य पदार्थ होता है। पर्यटक इन्हें फल तो खिलाते ही हैं, लेकिन उनके द्वारा चिप्स, मैगी, कुरकुरे खिलाकर भी जंगली जानवरों की आदत और सेहत खराब की जा रही है। पशु चिकित्सक भी ऐसे खाद्य पदार्थों को जानवरों की जिंदगी और सेहत के लिए खराब बता रहे हैं। बंदर, लंगूर जैसे जानवरों के जंगलों से पलायन करने के स्थिति को पर्यावरण विद भी चिंताजनक मानते है। पंतनगर विश्विद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग के हेड डाक्टर आरके श्रीवास्तव का साफ कहना है कि जानवरों के जंगल के पर्यावरण से वन का इको सिस्टम ध्वस्त हो जाएगा और जानवरों के वेकटीरिया, इंसेक्ट से आबादी में नई नई बीमारियां पनपती हैं।