बांग्लादेश में बिगड़े हालातः 4 शहरों में हिंसा, सड़कों पर उतरे लोग, बांग्ला अखबार का दफ्तर फूंका! भारतीय उच्चायोग के कार्यालय के बाहर नारेबाजी
नई दिल्ली। बांग्लादेश में हालात एक बार फिर बिगड़ गए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता के खिलाफ आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले शरीफ उस्मान हादी की गुरुवार को सिंगापुर में मौत हो गई, जिसके बाद ढाका में गुरुवार देर रात विरोध प्रदर्शन भड़क उठे और हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों ने प्रथम आलो (देश के सबसे बड़े बांग्ला अखबार) और डेली स्टार के दफ्तरों पर हमला कर तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने राजशाही में अवामी लीग के दफ्तर को आग के हवाले कर दिया। वहीं देश में सुलगी हिंसा को लेकर अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने ढाका में लेवल बैठक बुलाई है। खबरों के अनुसार प्रदर्शनकारी भीड़ ने देश के प्रोथोम आलो और डेली स्टार अखबारों के ऑफिसों को आग के हवाले कर दिया। भीड़ ने सांस्कृतिक संस्था छायानट को भी नुकसान पहुंचाया और आग लगा दी।
यह बांग्लादेश का एक प्रमुख और ऐतिहासिक सांस्कृतिक संगठन है, जिसकी स्थापना 1961 में हुई थी, जो बंगाली संस्कृति, विरासत, संगीत, नृत्य और पारंपरिक वाद्ययंत्रों को बढ़ावा देता है। भीड़ ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे लगा रही है और उस मुख्य संस्थान को नष्ट कर रही है, जिसे बांग्लादेश में कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था। वहीं प्रदर्शनकारी गुरुवार देर रात चटगांव में भारतीय उच्चायोग के कार्यालय के बाहर जमा हो गए और कार्यालय पर पत्थरबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने भारत-विरोधी और अवामी लीग-विरोधी नारे लगाए। दरअसल 12 दिसंबर को ढाका के बिजॉयनगर इलाके में चुनाव प्रचार के दौरान अज्ञात हमलावरों ने हादी के सिर में गोली मार दी थी। गंभीर हालत में उन्हें पहले ढाका में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, लेकिन 15 दिसंबर को एयर एम्बुलेंस से सिंगापुर रेफर कर दिया गया। सिंगापुर जनरल हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। हादी की मौत की पुष्टि बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय और सिंगापुर के अधिकारियों ने की है।