अधिकारियों को अंग्रेजी बोलना न आने पर हाईकोर्ट ने जताई चिंता! उठाए सवाल, जानें क्या है पूरा मामला?

High Court expressed concern over officers not knowing how to speak English! Raised questions, know what is the whole matter?

नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान अहम टिप्पणी करते हुए राज्य चुनाव आयुक्त और मुख्य सचिव से पूछा कि क्या एडीएम स्तर का अधिकारी जिसे अंग्रेजी बोलने का कोई ज्ञान नहीं है, वह एक कार्यकारी पद को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने की स्थिति में हो सकता है? ये टिप्पणी कर कोर्ट ने अंग्रेजी न जानने वाले अधिकारियों पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगाया है। 

बता दें कि बुधलाकोट ग्राम सभा में क्षेत्र से बाहरी लोगों के नाम पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में शामिल किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई पर कोर्ट ने ये टिप्पणी तब की, जब कोर्ट में सुनवाई के दौरान एडीएम और एसडीएम मौजूद थे। कोर्ट ने पूछा था कि किस आधार पर और किन दस्तावेजों पर इनको ये अधिकार दिया गया, उसकी कोई प्रतिलिपि है तो कोर्ट में पेश करें। दायर याचिका में आरोप लगाया गया कि मतदाता सूची में बाहरी व्यक्तियों के नाम जोड़कर ग्राम सभा की चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया जा रहा है।

मुख्य न्यायधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए राज्य चुनाव आयुक्त और मुख्य सचिव से स्पष्ट रूप से यह पूछा कि क्या ऐसा अधिकारी, जिसे अंग्रेजी बोलने या समझने का ज्ञान नहीं है, वह कार्यपालिका के महत्वपूर्ण पद को सही तरह से नियंत्रित कर सकता है? न्यायालय ने इसपर गंभीर चिंता जताई और यह संकेत दिया कि प्रशासनिक दक्षता के लिए अधिकारियों को न्यूनतम भाषाई योग्यताओं का होना आवश्यक है, खासकर तब जब उन्हें राज्य और केंद्र स्तर पर संवाद करना होता है।