हरियाणा में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण शुरू! सीईओ ए श्रीनिवास ने डीईओ को दिए सख्त निर्देश

चंडीगढ़। हरियाणा में मतदाता सूची को अद्यतन और त्रुटिरहित बनाने के लिए विशेष विस्तृत पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ए श्रीनिवास ने इस संबंध में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) और निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों के साथ बैठक कर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए। सीईओ श्रीनिवास ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने 10 सितंबर को सभी राज्यों के सीईओ की बैठक आयोजित कर देशभर में एसआईआर लागू करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद हरियाणा में भी इस पर अमल शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जहां-जहां बीएलओ के पद रिक्त हैं, वहां तत्काल नियुक्ति कर उनके पहचान पत्र जारी किए जाएं, ताकि कार्य प्रभावित न हो। साथ ही, पुनरीक्षण कार्य में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों को समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाए।
उन्होंने निर्देश दिया कि बीएलओ 20 अक्टूबर तक वर्तमान मतदाता सूची का वर्ष 2002 की मतदाता सूची से मिलान करेंगे। यदि किसी मतदाता का नाम दोनों सूचियों में दर्ज पाया जाता है तो उसे कोई दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अतिरिक्त, बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं से एनुमरेशन फॉर्म भरवाएंगे। इस दौरान एक प्रति मतदाता के पास रहेगी जबकि दूसरी प्रति बीएलओ नई मतदाता सूची तैयार करने के लिए साथ ले जाएंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने यह भी कहा कि मतदान केंद्रों का पुनर्गठन (रेशनलाइजेशन) किया जाएगा। किसी भी केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा तय की गई है। यदि इससे अधिक मतदाता पंजीकृत होंगे तो नया मतदान केंद्र बनाया जाएगा।उन्होंने डीईओ को निर्देश दिया कि सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की जाएं और उनसे बूथ लेवल एजेंट की सूची प्राप्त की जाए। साथ ही गणना प्रपत्रों की प्रिंटिंग कर समय पर बीएलओ तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए। सीईओ श्रीनिवास ने बताया कि वर्ष 2002 और वर्ष 2024 की अंतिम रूप से प्रकाशित मतदाता सूचियां विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं, जिससे आमजन आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने सभी पंजीकृत मतदाताओं, पात्र युवाओं और राजनीतिक दलों से अपील की कि वे इस विशेष विस्तृत पुनरीक्षण में सक्रिय सहयोग करें, ताकि राज्य में एक त्रुटिरहित और अद्यतन मतदाता सूची तैयार की जा सके।