हरियाणा में शुरू होगी स्मार्ट मीटर क्रांति, पहले चरण में वीआईपी आवासों पर होगी स्थापना

चंडीगढ़। हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं के लिए जल्द ही बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने घोषणा की है कि प्रथम चरण में स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों, विधायक, सांसद, मंत्री और मुख्यमंत्री आवासों से की जाएगी। इसके बाद इस योजना का विस्तार आम उपभोक्ताओं तक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही इसके लिए टेंडर जारी किए जाएंगे और प्रक्रिया को गति दी जाएगी। मंत्री ने बताया कि उपभोक्ताओं को बिजली बिल भुगतान में अब मोबाइल सेवाओं जैसी सुविधा मिलेगी। उन्हें प्रीपेड और पोस्टपेड, दोनों विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे। जिस तरह लोग मोबाइल में अपनी सुविधा के अनुसार प्रीपेड या पोस्टपेड प्लान चुनते हैं, उसी तरह उपभोक्ता बिजली मीटर के लिए भी अपनी पसंद का विकल्प चुन सकेंगे।
अनिल विज ने बिजली के डिफॉल्टर उपभोक्ताओं पर भी सख्त रुख अपनाने के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बिजली डिफॉल्टर उपभोक्ताओं पर करीब 7500 करोड़ रुपये की बकाया राशि है। इस विषय पर अधीक्षण अभियंताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि बकाया राशि की शीघ्र वसूली सुनिश्चित की जाए। विज ने कहा कि जल्द ही इस पर विस्तृत समीक्षा बैठक की जाएगी और अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी जाएगी।सरकारी भवनों और संस्थानों में बकाया बिजली बिलों को लेकर पूछे गए सवाल पर ऊर्जा मंत्री ने स्पष्ट कहा कि किसी भी भवन या संस्थान को छूट नहीं दी जाएगी। सभी से सख्ती के साथ बकाया राशि की वसूली होगी और भुगतान से बचने पर संबंधित विभागों या संस्थानों पर कानून के अनुसार कार्रवाई होगी।
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विज ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने बताया कि गांवों में सोलर पावर हाउस स्थापित करने की योजना तैयार कर ली गई है। इसके लिए भूमि चिह्नित की जा चुकी है और इसे पायलट आधार पर शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव के बिजली लोड का आकलन कर उसी क्षमता का सोलर पावर हाउस लगाया जाएगा। इससे गांव न केवल आत्मनिर्भर बनेंगे, बल्कि प्रदेश भी बिजली उत्पादन में सरप्लस स्थिति में पहुंच जाएगा। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन की लागत अपेक्षाकृत कम है, इसलिए उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराना संभव होगा। विज ने विश्वास जताया कि इस पहल से प्रदेश में बिजली की उपलब्धता बढ़ेगी, उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और ऊर्जा क्षेत्र में हरियाणा आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ेगा।