चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड, तीन धामों के कपाट बंद होने तक 50 लाख पार होने की उम्मीद

देहरादून। उत्तराखंड की ऐतिहासिक चारधाम यात्रा इस वर्ष एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रही है। गंगोत्री, केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने तक श्रद्धालुओं की संख्या 50 लाख का आंकड़ा पार करने की संभावना है। राज्य पर्यटन विभाग के अनुसार, अब तक 49.30 लाख से अधिक श्रद्धालु चारों धामों के दर्शन कर चुके हैं। यात्रा के अंतिम चरण में भी श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ है, और प्रतिदिन 10 से 11 हजार भक्त देवभूमि के धामों में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
चारधाम यात्रा का शुभारंभ 30 अप्रैल 2025 को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने से हुआ था। इसके बाद दो मई को बाबा केदारनाथ धाम और चार मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ यात्रा का पूर्ण संचालन शुरू हुआ। छह माह तक चली इस यात्रा ने श्रद्धालुओं की आस्था, पर्यटन विभाग की व्यवस्थाओं और प्रदेश की अर्थव्यवस्था—तीनों को नई ऊंचाई दी है। आगामी 22 अक्तूबर को गंगोत्री धाम के कपाट विधि-विधान के साथ बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद मां गंगा की डोली अपने शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा गांव के लिए प्रस्थान करेगी। वहीं, 23 अक्तूबर को केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होंगे। कपाट बंद होने के साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्र में यात्रा गतिविधियां भी स्थगित हो जाएंगी और श्रद्धालु देवी-देवताओं की डोलियों के शीतकालीन स्थलों में दर्शन कर सकेंगे। इस वर्ष यात्रा सीजन में राज्य सरकार और प्रशासन की तैयारियों ने बड़ी भूमिका निभाई। सड़क, चिकित्सा, परिवहन और आवासीय सुविधाओं में सुधार से श्रद्धालुओं को सहज अनुभव मिला। हेलीकॉप्टर सेवाओं से लेकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन तक, हर स्तर पर सुविधाएं बेहतर की गईं। यात्रा के दौरान दुर्घटनाओं में कमी और सुरक्षा प्रबंधन को लेकर भी सरकार ने सराहनीय प्रयास किए। चारधाम यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ साबित हुई है। लाखों श्रद्धालुओं के आगमन से स्थानीय व्यवसायों, होटल उद्योग और परिवहन क्षेत्र को बड़ा लाभ पहुंचा है। अब जबकि तीन प्रमुख धामों के कपाट बंद होने की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है, प्रदेश प्रशासन ने सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के निर्देश दिए हैं ताकि यात्रा का समापन भी श्रद्धा और शांति के वातावरण में हो सके।