बिहार में बढ़ रहे मौसमी बीमारी के मरीज! हीट वेव के बाद सतायेगा मानसून

बिहार में अभी मानसून नहीं आया है, इसका कारण है कि लोग हीट वेव की चपेट में आकर बीमार पड़ रहे हैं। राज्य के सरकारी अस्पताल में मरीज अपना इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं। पटना के मसौढ़ी अनुमंडल अस्पताल के डॉ. रंजीत कहते हैं कि अस्पताल में अधिकांश मरीज हीट वेव के हैं। अभी उमस भरी गर्मी के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं, लेकिन मानसून आने के बाद बारिश के जमे पानी के कारण भी लोग बीमार पड़ेंगे। इसको लेकर अभी से स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों को जागरूक करने के साथ साथ मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल में व्यवस्था की जा रही है। मसौढ़ी की अनुमंडल प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.संजीता रानी बताती है कि मौसमी बीमारी को देखते सभी स्वास्थ्य कर्मियों को रोस्टर बनाकर 24 घंटे ड्यूटी लगाई गई है। अनुमंडल अस्पताल में अलग से मौसमी रोगियों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मौसम बदलने से संक्रमण भी बढ़ता है। गर्मी के साथ-साथ बरसात में ज्यादा रोग पनपते हैं. इसमें सर्दी-खांसी, बुखार सबसे साधारण बीमारी है लेकिन अगर यह गंभीर हो जाए तो इससे मलेरिया और टाइफाइड का रूप ले सकता है। इसके अलावे डायरिया, डेंगू जापानी इंसेफेलाइटिस, एईएस जैसे बीमारी बढ़ने लगते हैं। राष्ट्रीय रोग निंत्रण केंद्र (NCDC) के अनुसार बिहार में गर्मी, हीट वेव मानसून, नमी बढ़ने, स्थिर पानी और मौसम के मिजाज में बदलाव के कारण कई बीमारियां फैल जाती हैं। इसमें सबसे खतरनाक जल जनित रोग (एक्यूट डायरिया), खाद्य जनित बीमारियां (हेपेटाइटिस, बेसिलरी डिसेंट्री, टाइफाइड), वेक्टर जनित बीमारियां जैसे (डेंगू, मलेरिया, जापानी इंसेफेलाइटिस आदि) और तीव्र श्वसन संबंधी बीमारी फैलते हैं। वेक्टर-जनित रोग एक संक्रमित व्यक्ति, जानवर या पौधे से दूसरे में फैलता है। कीड़ों, जूं या अन्य जीवों के माध्यम से लोगों में फैलता है. हैजा, टाइफाइड बुखार, हेपेटाइटिस ए, तीव्र दस्त है। यह बीमारी आमतौर पर अक्सर दूषित भोजन और पानी के माध्यम से फैलता है। विशेष रूप से बाढ़ के दौरान इस तरह की बमारी ज्यादा फैलती है।
यह दूषित पानी से फैलने वाले रोग होते हैं. पानी में मौजूद बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी, और कवक के कारण फैलते हैं। इन रोगाणुओं से दूषित पानी पीने, नहाने या अन्य तरीकों से संपर्क में आने से बीमारियां हो सकती हैं. इससे हैजा, टाइफाइड, हेपेटाइटिस ए, पेचिश आदि रोग फैल सकते हैं। दूषित भोजन के सेवन से होने वाले रोग, जिससे उल्टी, दस्त और अन्य जठरांत्र संबंधी लक्षण होते हैं. इन्फ्लूएंजा, सर्दी और फ्लू जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं। मौसम बीमारी के कारण बिहार में कई मरीजों की मौत भी हो जाती है। खासकर बारिश के मौसम में इस तरह के संक्रमित बीमारी ज्यादा फैलते हैं। सरकारी रिपोर्ट की बात करें तो चिकनगुनिया, मलेरिया पीवी, मलेरिया पीएफ, कालाजार, एन्सेफलाइटिस, डेंगू के काफी मरीज मिले हैं.मौसम बीमारी से बचाव के कई उपाय हैं। लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। डॉ. रंजीत कहते हैं कि संक्रमण के प्रसार रोकने के लिए नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोएं। हाथों से आंखों को छूने से बचें, नाखून चबाना भी बंद करें। इसके साथ खानपान का भी ध्या रखें. दूषित भोजन और स्ट्रीट फूड खाने से बचना चाहिए।