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पेपर लीक प्रकरण: न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी ने शुरू की जनसुनवाई, देहरादून में परीक्षार्थियों की सुनीं शिकायतें 

Paper leak case: Justice UC Dhyani begins public hearing, hears complaints from examinees in Dehradun

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) पेपर लीक प्रकरण की जांच के लिए गठित एकल सदस्यीय आयोग ने बुधवार को देहरादून में जनसुनवाई शुरू की। आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी ने सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार में परीक्षार्थियों, अभिभावकों और अन्य संबंधित पक्षों से मुलाकात कर उनकी शिकायतें और तथ्य सुने।

न्यायमूर्ति ध्यानी इससे पहले हल्द्वानी और टिहरी में भी जनसुनवाई कर चुके हैं, जहां उन्होंने बड़ी संख्या में लोगों के बयान दर्ज किए थे। देहरादून में हुई इस सुनवाई में भी अभ्यर्थियों ने परीक्षा में हुई अनियमितताओं और पेपर लीक से प्रभावित करियर को लेकर अपनी व्यथा रखी। कई युवाओं ने आयोग को लिखित ज्ञापन सौंपते हुए निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की। पेपर लीक प्रकरण की शुरुआत 21 सितंबर को हुई थी, जब यूकेएसएसएससी की परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक होने के आरोप सामने आए। मामला सामने आने के बाद प्रदेशभर में युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया और आठ दिन तक आंदोलन जारी रखा। लगातार बढ़ते आक्रोश के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद युवाओं के बीच पहुंचे और सीबीआई जांच की संस्तुति की। इसके बाद सरकार ने न्यायिक स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में एक एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया। आयोग का उद्देश्य पेपर लीक प्रकरण की गहराई तक जाकर तथ्य जुटाना, प्रभावित परीक्षार्थियों की बात सुनना और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के उपाय सुझाना है। न्यायमूर्ति ध्यानी ने जनसुनवाई के दौरान कहा कि आयोग सभी पक्षों की बात ध्यानपूर्वक सुनेगा और रिपोर्ट में निष्पक्ष तथ्यों के आधार पर ही सिफारिशें की जाएंगी। प्रदेश में रोजगार परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करने वाले इस पेपर लीक मामले ने हजारों युवाओं के भविष्य को प्रभावित किया था। अब आयोग की जनसुनवाई से युवाओं में उम्मीद जगी है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी और भर्ती परीक्षाओं की पारदर्शिता बहाल की जा सकेगी।