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पंचायत चुनावः शौचालय नहीं होने पर निर्वाचन आयोग ने कैंसिल कर दिया प्रधान प्रत्याशी का नॉमिनेशन! हाईकोर्ट ने नामांकन रद्द करने के आदेश पर लगाई रोक, कहा- शीघ्र जारी करें चुनाव चिन्ह

Panchayat elections: Election Commission canceled the nomination of the chief candidate for not having a toilet! High Court stayed the order of cancelling the nomination, said- issue the election sym

नैनीताल। उत्तराखण्ड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है, इस बीच चुनाव से संबंधित कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जो हैरान करते हैं। ऐसा ही एक मामला टिहरी जिले से सामने आया है, यहां ग्राम प्रधान पद की एक प्रत्याशी का नामांकन इसलिए रद्द कर दिया गया कि उनके घर में सुलभ शौचालय नहीं था। जिसके बाद यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा और इसपर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ ने उनका नामांकन रद्द करने के आदेश पर रोक लगा दी है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक महरा की खण्डपीठ में हुई। कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिए हैं कि शीघ्र कुसुम कोठियाल को चुनाव चिह्न जारी करें।

सुनवाई पर आयोग की तरफ से कहा गया नामांकन भरने व उनकी जांच हो चुकी है। नामांकन पत्र के शपथपत्र के मुताबिक उनका नामांकन सही नहीं पाया गया। कमेटी ने उसकी स्क्रूटनी के बाद नामांकन पत्र को रद्द किया है। इस पर विरोध दर्ज करते हुए याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि यह नियमों के विरुद्ध जाकर निरस्त किया गया है। जरूरी नहीं है कि घर के अंदर ही शौचालय हो? उनका शौचालय घर से डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर है। किस आधार पर उनका नामांकन निरस्त किया जा सकता है? मामले के अनुसार टिहरी जिले की निवासी कुसुम कोठियाल ने याचिका दायर कर कहा कि वे ग्राम प्रधान के पद के लिए पंचायत चुनाव का इलेक्शन लड़ रही हैं। लेकिन चुनाव आयोग ने उनका नामांकन इस आधार पर निरस्त कर दिया कि उनके घर में शौचालय नहीं है। याचिका में उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में घरों के शौचालय घर के बाहर ही होते हैं। उन्होंने हाईकोर्ट में नामांकन पत्र को बहाल करने की अपील की थी।