पंचायत चुनाव: मतगणना की तैयारियों में जुटा निर्वाचन आयोग, कांग्रेस ने सरकार पर लगाया धांधली का आरोप

उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से पूरी हो चुकी है। अब निर्वाचन विभाग और संबंधित विभाग मतगणना की तैयारी में जुट चुका है। देहरादून जिले के विकासनगर, सहसपुर, कालसी, चकराता विकासखंड में निर्वाचन विभाग मतगणना की तैयारियों मे जुटा है। सहसपुर विकासखंड के 50 ग्राम प्रधानों, 40 क्षेत्र पंचायत सदस्यों और चार जिला पंचायत सदस्य समेत ग्राम पंचायतों के वार्ड सदस्य पदों पर द्वितीय चरण में 28 जुलाई को मतदान संपन्न हुआ। जिसके भाग्य का फैसला मतपेटियों में बंद होकर सहसपुर के गुरु राम राय इंटर कॉलेज में बनाए गए मतगणना केंद्र के स्ट्रांग रूम में रखा जा चुका है।
पहले चरण में 24 जुलाई को हुए मतदान के बाद विकासनगर के आसाराम वैदिक इंटर कॉलेज, कालसी के राजकीय इंटर कॉलेज और चकराता के विकासखंड कार्यालय के सभागार मतगणना की तैयारियां जोरों पर है। जहां चाक चौबंद व्यवस्था के बीच दो पाली में होने वाली मतगणना के लिए चकराता विकासखंड के 137 पोलिंग बूथों के लिए 24, कालसी विकासखंड के लिए 130 पोलिंग बूथों के लिए 24 और विकासनगर विकासखंड के लिए 242 पोलिंग बूथों के लिए 60 और सहसपुर विकासखंड के 247 पोलिंग बूथों के लिए 50 टेबलों पर मतगणना की व्यवस्था की गई है। विकासनगर के निर्वाचन अधिकारी रविंद्र बिष्ट का कहना है कि टेबलों पर पांच राउंड में बूथ वार पहले ग्राम पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधानों के मतों की गिनती होगी। उसके बाद क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्यों की गिनती की जाएगी। सहसपुर के निर्वाचन अधिकारी संदीप वर्मा का कहना है कि सभी व्यवस्थाएं कर ली गई है और 31 जुलाई को मतगणना होगी. पांच राउंड में मतगणना संपन्न की जाएगी। एक राउंड में पचास टेबल लगाई जाएगी। लगभग 15 से 16 घंटे में मतगणना पूरी होगी।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सरकार पर पंचायत चुनाव में नियमावली के नाम पर जनता के साथ धोखा किए जाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में मंगलवार को प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए गोदियाल ने कहा कि भाजपा सरकार जिला पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण में घालमेल भी कर सकती है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार की नियत साफ होती तो त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की काउंटिंग से पहले आरक्षण पर स्थिति साफ कर देती। गणेश गोदियाल ने कहा कि इस पूरे चुनाव में गड़बड़ियों की तमाम शिकायतें देखने को मिली है। उन्होंने सरकार पर पंचायत चुनाव में जमकर धांधली किए जाने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि जब ब्लॉक प्रमुखों के पदों पर आरक्षण तय कर दिया गया है तो फिर जिला पंचायत अध्यक्ष की प्रक्रिया को किस नियत से रोका गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा सरकार चुनाव परिणाम के बाद अपनी सुविधा के अनुसार आरक्षण तय करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पंचायत चुनाव में नियमावली के नाम पर जनता के साथ छल किया है। 10 अप्रैल को सरकार ने एक नियमावली जारी की। उसके आधार पर लिस्ट तैयार हुई। जबकि सरकार ने दूसरी नियमावली 11 अप्रैल को जारी कर दी। यह नियमावली भी 11 अप्रैल को जिलों में नहीं पहुंची। बल्कि 14 अप्रैल को बैक डेट डालकर नियमावली जारी कर दी गई। उन्होंने इसे जनता के साथ धोखाधड़ी और फ्रॉड बताया है। इसका सीधा-सीधा प्रमाण है कि क्षेत्र पंचायत प्रमुखों के तो पहले से ही रिजर्वेशन तय कर दिए गए हैं। लेकिन जिला पंचायत अध्यक्षों के आरक्षण प्रक्रिया को किस मंशा से रोका गया है। जाहिर है कि सरकार चुनाव परिणाम आने के बाद अपनी सुविधानुसार आरक्षण तय करेगी। दरअसल सरकार मतगणना की प्रतीक्षा कर रही है। उसके बाद परिणमों के आधार पर सरकार आरक्षण तय करेगी। उन्होंने इसे पक्षपात और लोकतंत्र की हत्या करार दिया है।