ऑपरेशन कॉलनेमिः ऊधम सिंह नगर पुलिस को मिली बड़ी सफलता! इलाज के नाम पर युवतियों का शोषण करने वाला शातिर तांत्रिक गिरफ्तार, पूछताछ में हुए चौंकाने वाले खुलासे

रुद्रपुर। ऑपरेशन कॉलनेमि के तहत ऊधम सिंह नगर पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। एसएसपी मणिकांत मिश्रा के निर्देश पर बाजपुर पुलिस ने झाड़-फूंक और इलाज के नाम पर मासूम लोगों को ठगने और युवतियों के साथ छेड़छाड़ एवं शोषण करने वाले एक बेहद शातिर तांत्रिक को दोराहा चौक से 200 मीटर आगे रामपुर रोड पर गिरफ्तार किया है। खुलासा करते हुए एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि यह मामला बाजपुर के चौकी दोराहा इलाके का है, जहां एक महिला की दो बेटियां लंबे समय से बीमार थीं। कई डॉक्टरों से इलाज कराने के बावजूद जब उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ, तो पूरा परिवार मानसिक और आर्थिक रूप से टूट चुका था। इसी कमजोरी का फायदा उठाकर एक परिचित ने उन्हें कनौरा गांव में रहने वाले महमूद नाम के एक व्यक्ति के बारे में बताया, जो खुद को सिद्ध तांत्रिक और चमत्कारी बाबा बताता था। जब पीड़िताओं को तांत्रिक महमूद के पास ले जाया गया, तो उसने उन्हें अलग-अलग कमरों में बुलाया। उसने यह दावा किया कि वह उनकी बीमारी को छूकर ठीक कर देगा। इसी बहाने उसने दोनों बहनों के साथ अभद्र हरकतें कीं। दोनों लड़कियों ने घबराकर अपनी मां को पूरी घटना बताई, जिसके बाद परिवार ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस की जांच में आरोपी महमूद की ठगी की कई परतें सामने आई हैं। वह लोगों को फंसाने के लिए एक सुनियोजित रणनीति का इस्तेमाल करता था।
हिंदू नाम से जालसाजी
महमूद अपने नाम का इस्तेमाल नहीं करता था। वह खुद को एक हिंदू नाम से पेश करता था ताकि लोगों को उस पर आसानी से विश्वास हो जाए। वह जानता था कि भारत में धार्मिक आस्था का महत्व कितना अधिक है, इसलिए वह इसी विश्वास का फायदा उठाता था।
भावनात्मक कमजोरी का शिकार
वह विशेष रूप से उन परिवारों को निशाना बनाता था जो किसी बीमारी, गरीबी या पारिवारिक समस्या से जूझ रहे होते थे। ऐसे लोग निराशा में होते हैं और किसी भी तरह की मदद के लिए तैयार होते हैं। महमूद उनकी इस भावनात्मक कमजोरी का फायदा उठाता था।
सम्मोहन का मनोवैज्ञानिक खेल
जांच में पता चला है कि महमूद सिर्फ झाड़-फूंक का ढोंग नहीं करता था, बल्कि वह सम्मोहन शक्ति का उपयोग भी करता था। वह पीड़ितों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाता था, जिससे वे उसकी बातों में आ जाते थे और उसकी हर आज्ञा का पालन करने लगते थे। इस तकनीक के जरिए वह उन्हें पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लेता था।
लगातार ठिकाने बदलना, उत्तराखण्ड से बाहर भी है नेटवर्क
महमूद एक जगह पर ज्यादा दिन नहीं ठहरता था। वह अलग-अलग इलाकों और जिलों में घूम-घूमकर नए शिकार की तलाश करता था। इस तरह वह पुलिस की नजरों से बचता था और अपने नेटवर्क को भी फैलाता रहता था। पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार इस तांत्रिक का नेटवर्क केवल उत्तराखंड तक ही सीमित नहीं था, बल्कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों जैसे पीलीभीत, बरेली और मुरादाबाद में भी फैला हुआ था। पुलिस अब इन जगहों पर भी जांच कर रही है, ताकि उसके अन्य पीड़ितों का पता लगाया जा सके।