नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट में फार्मासिस्ट और नर्सिंग स्टाफ की याचिका पर हुई सुनवाई! कर्मचारियों ने उठाई रेगुलराइजेशन की मांग, जानें क्या हुआ?

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट में मेडिकल कॉलेजों, चिकित्सा शिक्षा विभाग एवं चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों, खासकर फार्मासिस्ट और नर्सिंग स्टाफ की ओर से दायर एक महत्वपूर्ण याचिका पर आज सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं ने दशकों पुरानी मांग को दोहराते हुए अदालत से अपील की है कि दस वर्ष से अधिक सेवा दे चुके कर्मचारियों के पदों पर नई विज्ञप्ति जारी न की जाए, बल्कि इन पदों का तत्काल विनियमन (रेगुलराइजेशन) किया जाए। याचिका में यह भी मांग की गई है कि 42 वर्ष की आयु पूरी कर चुके कर्मचारियों को नियुक्ति प्रक्रिया में आयु सीमा में छूट प्रदान की जाए। इसके अलावा उत्तराखंड से बाहर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को भी इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी जाए, ताकि योग्य उम्मीदवारों को अवसर मिल सके। यह याचिका नर्सिंग स्टाफ की सीमा सेमवाल और सुशीला तिवारी अस्पताल से मनीष रौतेला सहित अन्य कर्मचारियों ने हाल में समाचार पत्रों में दिए गए विज्ञापन के बाद दायर की है।
याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि लंबे समय से सेवा दे रहे इन कर्मचारियों को स्थायी पद प्रदान करना न केवल न्यायसंगत होगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को भी मजबूत करेगा। हाईकोर्ट में मामले को गंभीरता से लेते हुए आज सुनवाई हुई। अदालत ने अगली सुनवाई को अगले बुधवार, यानी 18 सितंबर 2025 को नियत कर दिया है।