नैनीतालः वोटर लिस्ट में बाहरी लोगों के नाम शामिल करने का मामला! हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती, चुनाव आयोग से पूछा- किस रिकॉर्ड के आधार पर शामिल किए गए नाम

नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने नैनीताल जिले के बुधलाकोट ग्राम सभा में क्षेत्र से बाहर के लोगों का नाम पंचायत चुनाव की वोटर लिस्ट में शामिल करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद खण्डपीठ ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य चुनाव आयोग से पूछा है कि किस रिकार्ड के आधार पर इनको वोटर लिस्ट में शामिल किया गया है। मय रिकार्ड के साथ 17 जुलाई तक आयोग जवाब पेश करें। मामले की अगली सुनवाई हेतु 17 जुलाई की तिथि नियत की गई है। बता दें कि बुधलाकोट निवासी आकाश बोरा ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उनके ग्रामसभा की वोटर लिस्ट में क्षेत्र से बाहर के लोगों के नाम शामिल किये गए हैं। जिनमें अधिकतर लोग उड़ीसा राज्य व अन्य जगह के हैं। जब इसकी शिकायत उनके द्वारा एसडीएम महोदय से की गई तो उनके द्वारा इसमें एक जांच कमेटी गठित की गई।
जांच कमेटी ने वोटर लिस्ट का अवलोकन करके पाया कि इसमें से 18 लोग बाहर के हैं। लेकिन अंतिम लिस्ट जारी होने के बाद भी चिन्हित 18 लोगों के नाम वोटर लिस्ट से नही हटाये गए। जनहित याचिका दायर करने के बाद उनके द्वारा ऐसे ही 30 अन्य की लिस्ट भी कोर्ट में पेश की गई। शिकायत करने के बाद भी जिसपर कोई कार्यवाही नही की गई। सुनवाई के बाद आयोग की तरफ से कहा गया कि कुछ लोगों को चिन्हित किया गया है। वोटर लिस्ट बनाते वक्त बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर वोटरों को चिन्हित किया गया। उसी के आधार पर वोटर लिस्ट बनाई गई, लेकिन कोर्ट ने आयोग से पूछा कि जब वोटर लिस्ट बनाई गई, क्या वोटरों का उस वक्त आधार कार्ड, वोटर आईडी या राशन कार्ड या स्थायी निवास से सम्बंधित दस्तावेजों की जांच की गई। अगर की है तो उसका रिकार्ड प्रस्तुत करें। या ओरली तौर पर नाम बताए जाने के आधार पर उनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल कर दिया गया।